MHA Decision: देश के 244 जिलों में 7 मई को होगी सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल

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MHA Decision: देश के 244 जिलों में 7 मई को होगी सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल

Civil Defence Mock Drill, (आज समाज), नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बनी युद्ध की संभावनाओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। सरकार के निर्देश पर देश के 25 राज्यों के 244 जिलों में बुधवार को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल होगी। इस दौरान जंग की स्थिति में आम लोगों को अपना बचाव करने के तरीके सिखाए जाएंगे।  गृह मंत्रालय ने बीते कल देश के सभी राज्यों को मॉक ड्रिल कराने के निर्देश दिए थे।

244 जिलों की सूची जारी

गृह मंत्रालय ने आज दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक कर  मॉक ड्रिल की तैयारियों की समीक्षा की। मीटिंग v राज्यों के मुख्य सचिव, सिविल डिफेंस प्रमुख व कई अन्य हाई रैंक के अधिकारी शामिल हुए। मॉक ड्रिल वाले जिलों की लिस्ट जारी हुई है। सात मई को जिन 244 जिलों में मॉक ड्रिल होगी, उनकी एक सूची जारी की गई है। संवेदनशीलता के आधार पर  जिलों को 3 कैटेगरी में बांटा गया है। कैटगरी-1 सबसे संवेदनशील और कैटेगरी-3 कम सेंसेटिव है। बता दें कि इससे पहले 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध के दौरान मॉक ड्रिल हुई थी। इसके बाद पहली बार देश में मॉक ड्रिल करवाने का निर्णय लिया गया है।

आम लोगों को दी जाएगी हमले से बचने की ट्रेनिंग 

सूत्रों के अनुसार जंग के हालात लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के मकसद से मॉक ड्रिल के दौरान आम लोगों को हमले से बचने की ट्रेनिंग दी जाएगी। जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में आज से ही मॉक ड्रिल के तहत बचाव टीमों-पुलिस व एसडीआरएफ आदि को युद्ध की स्थिति में बचाव की ट्रेनिंग दी जा रही है। मॉक ड्रिल के दौरान हवाई हमले की चेतावनी वाले सायरन भी बजाए जाएंगे।

आतंकियों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में कर दी थी 26 लोगों की हत्या

गौरतलब है कि आतंकियों ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित मशहूर पर्यटन स्थल बैसरन घाटी में 26 लोगों की हत्या कर दी थी। मृतकों में ज्यादातर पर्यटक थे। इस हमले के बाद से भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इसी के मद्देनजर सरकार जंग के संभावित खतरे से पहले तैयारी करना चाहती है।

जानिए क्या होती है मॉक ड्रिल ट्रेनिंग

मॉक ड्रिल एक तरह का अभ्यास होता है। यदि किसी तरह की इमरजेंसी जैसे बम धमाका या एयर स्ट्राइक वगैरह हो जाए, तो आम लोग कैसे बचाव कर सकें और प्रशासन कितनी जल्दी ऐसी स्थिति में रिएक्ट करता है। ब्लैकआउट एक्सरसाइज भी होती है। इसमें एक तय समय के लिए पूरे एरिया की लाइटें बंद कर देते हैं। इसका मकसद यह होता है कि यदि दुश्मन देश पर हमला करे, तो इलाके को अंधेरे में कैसे सुरक्षित रखा जाता है। इससे दुश्मन को निशाना साधने में मुश्किल होती है।

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