Aaj Samaj (आज समाज), Meteorologists, नई दिल्ली: मानसून सीजन पिछले 11 दिन से लगातार थमा है और मौसम विशेषज्ञों के अनुसार यह स्थिति सूखे का संकेत है। मानसून का यह ठहराव 1951 के बाद सबसे लंबे ठहराव की ओर इशारा कर रहा है। आंकड़ों पर गौर करें तो 73 वर्ष में कुल 10 ऐसे मौके आए हैं जब मानसून में लगातार 10 दिन से ज्यादा का ठहराव रहा हो।
1972 में लगातार 17 दिन तक बारिश नहीं हुई
1972 में लगातार 17 दिन तक बारिश नहीं हुई थी। 1966 और 2002 में ठहराव का दौर कई मौकों पर 10 दिन तक रहा था। विशेषज्ञों के मुताबिक मानसून अब भी उपमहाद्वीप से वापस जाने में डेढ़ महीना दूर है लेकिन यह देखना बाकी है कि इस सीजन में देशभर में बारिश का अनुपात व खरीफ उत्पादन कैसा रहता है।
देश के 268 जिलों में सबसे कम बारिश दर्ज
भारतीय मौसम विभाग के बारिश वर्गीकरण के मुताबिक इस सीजन में मानसून दीर्घकालिक औसत की तुलना में छह फीसदी कम लेकिन ‘सामान्य’ रहा है। यह तथ्य भी उल्लेखनीय है कि इसका वितरण विषम हो गया है। 717 में से कुल 268 जिलों में बारिश कम से लेकर बहुत कम तक हुई है।
इस सीजन में बारिश में काफी विसंगति दिखी
अब तक के मानसून सीजन में बारिश में काफी विसंगति नजर आई। उत्तराखंड और हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्यों में जिस तरह बारिश ने भारी तबाही मचाई, उसी तरह पश्चिमी राजस्थान और सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र भी तरबतर रहे। केरल, गंगीय पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड जैसे आर्द्र क्षेत्र कम बारिश के कारण शुष्क रहे।
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