मैडीकल कालेज में पढ़ रहे एम.बी.बी.एस. के विद्यार्थियों ने किया प्रदर्शन

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MBBS studying in medical college the students performed
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  • भारी कॉलेज शुल्क के विरोध में मैडीकल कालेज में पढ़ रहे एम.बी.बी.एस. के विद्यार्थियों ने किया प्रदर्शन

इशिका ठाकुर,करनाल:
सरकारी कॉलेजों में एम.बी.बी.एस. पाठ्यक्रमों के लिए बांड व भारी कॉलेज शुल्क के विरोध में मैडीकल कालेज के एम.बी.बी.एस. के विद्यार्थियों ने रोष जताया। गुस्साए विद्यार्थियों ने करनाल के अंबेडकर चौक पर इकट्ठा होकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सरकार की नीतियों का विरोध किया।

विद्यार्थियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई

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करीब आधा घंटा रोष जताने के बाद विद्यार्थी वापस लौट गए। मौके पर पहुंचे थाना सिविल लाइन प्रभारी ललित कुमार ने प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों को वार्निंग दी और कहा कि प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों द्वारा धरना प्रदर्शन के लिए किसी भी प्रकार की कोई परमिशन नहीं ली गई थी। इसके चलते प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। करनाल के अंबेडकर चौक पर इकट्ठा विद्यार्थियों ने कहा कि हरियाणा के सभी सरकारी कॉलेजों में एम.बी.बी.एस. पाठ्यक्रमों के लिए राज्य सरकार ने बांड व भारी कॉलेज शुल्क लागू कर दिया है। नई नीति के अनुसार सरकारी कॉलेजों में एम.बी.बी.एस. में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थी को एम.बी.बी.एस. के बाद 7 साल की नौकरी करनी होगी। या फिर प्रति वर्ष 10 लाख रुपए का शुल्क देना होगा। इस हिसाब से कोर्स की कुल फीस 45 लाख होगी। वर्ष 2019 तक वार्षिक शुल्क लगभग 50 हजार था। जो 2021 से बढ़कर 80 हजार हो गया। 10 लाख में से बाकी राशि कर्ज के रूप में थी।

छात्र छात्राओं ने सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध जताया

एमबीबीएस विद्यार्थियों का यह भी कहना है कि कॉलेज फीस के अलावा छात्रों को हॉस्टल शुल्क, मेस बिल, किताबें और स्टेशनरी के लिए भी भुगतान करना पड़ता है। जो हर साल लगभग 70 से 80 हजार के बराबर होता है। प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि सरकार की यह नीति केवल अमीर लोगों के लिए है जबकि किसान मजदूर और आम आदमी का इस सरकार की नीति से कोई फायदा होने वाला नहीं है।

सरकार की नीतियों के विरोध में एमबीबीएस के विद्यार्थियों का आंदोलन 2020 से चल रहा है। एक जनहित याचिका भी उच्च न्यायालय चंडीगढ़ में विचाराधीन है।एम.बी.बी.एस. के विद्यार्थियों ने कहा कि बांड व भारी कॉलेज शुल्क के विरोध में सभी छात्र छात्राओं ने हस्ताक्षर अभियान चलाकर सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध जताया है और यह विरोध आगे भी जारी रहेगा।

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