Martyrs Wreath Laying Ceremony: राजौरी मुठभेड़ के शहीदों को जम्मू के सैन्य अस्पताल में अधिकारियों ने दी श्रद्धांजलि

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Martyrs Wreath Laying Ceremony
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए जवानों के पार्थिव शरीर को जम्मू के सैन्य अस्पताल में रखकर श्रद्धांजलि देते अधिकारी।

Aaj Samaj (आज समाज), Martyrs Wreath Laying Ceremony, जम्मू: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए दो कैप्टन व दो जवानों सहित पांच वीर सैनिकों को आज जम्मू के सैन्य अस्पताल में पुलिस के डीजीपी आरआर स्वैन समेत थल सेना और वायु सेना के उच्च अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी। शहादत को प्राप्त हुए पांच जवानों में दो उत्तर प्रदेश के और एक-एक जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड व कर्नाटक का है।

ये सैन्यकर्मी हुए हैं शहीद

शहीदों में 63 राष्ट्रीय राइफल्स के कैप्टन एमवी प्रांजल (मंगलोर, कर्नाटक), यूपी के आगरा निवासी 9 पैरा के कैप्टन शुभम गुप्ता, जम्मू-कश्मीर के पुंछ स्थित अजोट इलाके के रहने वाले 9 पैरा के हवलदार कमांडो अब्दुल माजिद, उत्तराखंड के नैनीताल के हल्ली पादली निवासी लांसनायक संजय बिष्ट व उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ निवासी पैराट्रूपर सचिन लौर शामिल हैं।

सुरक्षाबलों ने आतंकियों को मारकर ले लिया है शहादत का बदला

राजौरी जिले के धर्मसाल के बाजीमल इलाके में 28 घंटे से अधिक चली मुठभेड़ में सेना के पांच जवानों की शहादत के बाद पाकिस्तान के दुर्दांत आतंकी कारी समेत दो दहशतगर्दों को सुरक्षा बलों ने कल मार गिराया था। इस बीच मुठभेड़ में घायल पांचवां जवान भी पिछले कल वीरगति को प्राप्त हो गया।

कैप्टन शुभम के सिर कुछ दिन में बंधना था सेहरा

आतंकी हमले में शहीद हुए आगरा निवासी 26 वर्षीय कैप्टन शुभम गुप्ता के सिर सेहरा बंधना था लेकिन अब उनका शव तिरंगे में लिपटकर घर पहुंचेगा। उनकी अगले हफ्ते सगाई होने वाली थी, फिर कुछ दिन बाद शादी थी। घरवाले शादी की तैयारियों में लगे थे। इससे पहले ही कैप्टन शुभम के घरवालों के पास उनके बेटे की शहादत की खबर आ गई, जिससे घर में कोहराम मच गया। कैप्टन शुभम का शव आज आगरा पहुंचेगा।

डांगरी और कंडी हमलों का मास्टरमाइंड था लश्कर कमांडर कारी

एक रिपोर्ट के अनुसार मुठभेड़ में मारा गया एक आतंकी लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर कारी है और वह पिछले एक साल से अपने ग्रुप के साथ राजौरी-पुंछ में सक्रिय था। उसे डांगरी और कंडी हमलों का मास्टरमाइंड भी माना जाता है। लश्कर ने कारी को क्षेत्र में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के लिए भेजा था। वह आईईडी में विशेषज्ञ है और गुफाओं से छिपकर काम करता है। रिपोर्ट के मुताबिक कारी एक प्रशिक्षित स्नाइपर भी

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