प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व करने के बाद देश में शहीदों को मिला सम्मान

0
210
Martyrs got respect in the country after the leadership of Prime Minister Modi

आज समाज डिजिटल, पानीपत: 

भारतीय जनता पार्टी हरियाणा, ग्रंथालय एवं ई ग्रंथालय विभाग के प्रदेश प्रमुख पंडित देवेंद्र दत्ता ने शहीद भगत सिंह के जन्मदिवस पर श्रद्धा के भाव अर्पित करते हुए कहा की 28 सितंबर 1907 के दिन पिता सरदार किशन सिंह के घर माता विद्यावती कौर के उदर से एक वीर पुत्र ने जन्म लिया था। जिस को माता पिता ने भगत के नाम से सुशोभित किया था। इस वीर पुत्र ने मां की गोदी से निकल कर,भारत माँ की गुलामी की बेड़ियों को तोड़ने के लिए कुर्बानी का वो इतिहास रच दिया, जिस की गाथा युगों युगों तक गायी जाती रहेगी।

छोटी सी आयु में ही भगत सिंह के ह्रदय में आज़ादी के प्रति क्रांति की आग भभकने लगी थी। साइमन कमीशन के विरोध प्रदर्शन में हुए लाठी चार्ज में लाला लाजपत राय की की मृत्यु ने भगत सिंह के क्रोध को और प्रचंड बना दिया था, फिर सांडर्स की हत्या हो या सेंट्रल असेंबली के सभागार में बम धमाका ओर पर्चे फैंक कर स्वयं गिरफ्तारी दी थी। फौलाद सा सीना रखने वाले भगत सिंह अंग्रेजो द्वारा दी गयी यातनाओं से तनिक भी डगमगाए नही अपितु उनके इरादे और भी मजबूत होते चले गए।

भगत सिंह को फांसी देने का फरमान सुनाया

23 मार्च 1931 की शाम लगभग 7 बजे जेल अधिकारी ने जब भगत सिंह को फांसी देने का फरमान सुनाया, तो उस समय भगत सिंह क्रांतिकारी लेनिन की जीवनी पढ़ रहे थे। तब भगत सिंह ने बड़े जोश के साथ कहा की ठहरो, अभी एक क्रांतिकारी की दूसरे क्रांतिकारी से मुलाकात पूरी हो लेने दो और पुस्तक पूरी पढ़ते हुए हवा में उछाल कर बोले कि चलो।

इस तरह भारत माता का पुत्र माँ के पाँव में पड़ी जंजीरों को तोड़ने और मां के सम्मान की रक्षा के लिए अपने दो क्रांतिकारी वीर मित्रो, राजगुरु और सुखदेव के साथ “मेरा रंग दे बसंती चोला गीत” गुनगुनाता हुआ शहादत दे गया। पंडित देवेंद्र दत्ता ने कहा की बड़े खेद के साथ कहना पड़ रहा है की 1947 में देश की आज़ादी के बाद देश की बागडोर संभालने वाली सरकारों के द्वारा कभी देश भक्तो ओर शहीदों के सम्मान की चिंता नही की गई।

चंडीगढ़ के हवाई अड्डे का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर

देश के कर्मशील ओर राष्ट्र समर्पित प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी का देश का नेतृत्व करने के बाद देश के शहीदों को सम्मान मिला है जिस का जीवंत उदाहरण तीन दिन पूर्व ही भारत के प्रधानमंत्री द्वारा चंडीगढ़ के हवाई अड्डे का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखने की घोषणा कर दी गयी है। उन्होंने हर कौम को शहीद की शहादत के प्रति कृतज्ञता का भाव रखने की अपील की। यदि भगत सिंह जैसे वीर योद्धाओं ने अपने प्राणों की चिंता न करते हुए भारत माता की अस्मत पर आहूत न किया होता तो शायद आज स्वतंत्र भारत की कल्पना साकार न हो सकती। उन्होंने भगत सिंह के जन्मदिवस पर भगत सिंह को भाजपा ग्रंथालय विभाग हरियाणा की और से भावपूर्ण श्रद्धांजलि प्रस्तुत की।

ये भी पढ़ें : ई रिक्शा में बैठी HCS अधिकारी का पर्स चोरी

ये भी पढ़ें : सीवरेज में बरामद हुआ 7 माह का भ्रूण

Connect With Us: Twitter Facebook
SHARE