महेंद्रगढ़: गुरुपूर्णिमा पर कुलपति की विश्वविद्यालय परिवार से चर्चा

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Mahendragarh
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नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने गुरुपूर्णिमा के अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षकों व कर्मचारियों से मुलाकात कर शैक्षणिक, प्रशासनिक व ढांचागत विकास को लेकर चर्चा की। कुलपति ने विश्वविद्यालय परिवार को गुरुपूर्णिमा की बधाई दी। उन्होंने गुरु की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि गुरु को गुरु इसलिए कहा जाता है क्योंकि वह अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है । गुरुपूर्णिमा का दिन महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास का जन्मदिन भी है। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने ही चारों वेदों को लिपिबद्ध भी किया था। इस कारण उनका नाम वेद व्यास भी है, और उनके सम्मान में गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा नाम से भी जाना जाता है।

उन्होंने सभी को अखंड भारत के महान सपूत अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले बाल गंगाधर तिलक और चंद्रशेखर आजाद महापुरुषों के जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं भी दीं। विश्वविद्यालय के शिक्षकों के साथ चर्चा करते हुए उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के सफलतम क्रियान्वयन को लेकर उन्हें प्रोत्साहित किया और उन्हें मार्गदर्शन भी प्रदान किया। कुलपति ने इस अवसर पर उनके समक्ष विश्वविद्यालय की प्रगति से जुड़े विभिन्न प्रयासों पर भी चर्चा की और भविष्य के लिए कड़ी मेहनत व लगन के साथ काम करते रहने को प्रेरित किया।

उन्होंने कहा आज तक की उपलब्धियों पर संतोष रखो और भावी प्रगति की  आशा करो। इसी क्रम में कुलपति ने शिक्षणेत्तर कर्मचारियों से मुलाकात में कोरोना काल में प्रशासनिक कर्मचारियों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें कोरोना वारियर्स की संज्ञा दी और कहा कि कोरोना महामारी के दौरान भी कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय के जरूरी कार्यों को रुकने नहीं दिया और वर्ल्ड बुक आॅफ रिकार्डस, लंदन के द्वारा मिला प्रतिबद्धता प्रमाण पत्र इस बात का प्रमाण है। शिक्षणेतर कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक व ढ़ांचागत विकास में प्रो. आर.सी. कुहाड़ के योगदान को अविस्मणीय बताया। कुलपति ने विश्वविद्यालय के आउटसोर्स कर्मचारियों को उनकी मेहनत व लगन से काम करने के लिए सराहना की और कहा कि विश्वविद्यालय परिसर को हराभरा व स्वच्छ बनाने में आउटसोर्स कर्मचारियों का योगदान उल्लेखनीय है।

यहां की परिस्थितियों में पेड़-पौधों को जीवंत बनाए रखना निसंदेह ही मेहनत का कार्य है। विश्वविद्यालय की सुरक्षा में लगे हुए सुरक्षाकर्मियों की वजह से अंत:वासी अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं। विश्वविद्यालय के भवनों के निर्माण में अनवरत परिवार सहित कार्यरत श्रमिकों के योगदान को भी उन्होंने स्मरण किया। उन्होंने कहा कि कोरोना ने हमें साफ-सफाई और स्वच्छता के प्रति और जागरूक किया है और विश्वविद्यालय के सफाई कर्मचरियों ने कोरोना वारियर्स बनकर कोरोना काल के दौरान परिसर की सफाई व्यवस्था को सुनिश्चित किया। कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड ने विश्वविद्यालय की उन्नति के लिए प्रत्येक कर्मचारी की भूमिका को महत्त्वपूर्ण बताया और सभी को संस्थान के विकास के लिए सहयोग करने के लिए प्रेरित किया।