सिहमा व अटेली खंडों के पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों के साथ सांसद संवाद एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

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Mahendragarh-Bhiwani MP Chaudhary Dharamveer Singh
Mahendragarh-Bhiwani MP Chaudhary Dharamveer Singh
  • मैं खुद पंच रहा हूं, आपकी चुनौतियों को समझता हूं : सांसद
  • पावर सरपंचों की नहीं, अफसरों की घटाई : चौधरी धर्मवीर सिंह
  • विकास कार्यों की गुणवत्ता में कमी दिखे तो ठेकेदार की पेमेंट रुकवा सकता है सरपंच
  • अटेली के विधायक सीताराम यादव रहे मौजूद

    नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
    महेंद्रगढ़-भिवानी के सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह ने कहा कि सरकार ने विकास कार्यों के लिए ई टेंडरिंग प्रक्रिया शुरू करवा कर ग्राम पंचायतों को और अधिक ताकत दी है। पहले जहां विकास कार्य पूरा होने के बाद अधिकारी अपनी मर्जी से ठेकेदार की पेमेंट करते थे अब यह पावर सरपंच के पास रहेगी। सरपंच को अगर गुणवत्ता में कोई कमी दिखे तो वह पेमेंट को रुकवा सकता है। सांसद शनिवार को सांसद संवाद एवं जागरूकता कार्यक्रम के तहत सिहमा व अटेली खंडों के पंचायती राज संस्थाओं के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर विकास परियोजनाओं पर चर्चा कर रहे थे। इस दौरान अटेली के विधायक सीताराम यादव भी मौजूद थे।

सांसद ने कहा कि इस नई व्यवस्था से अधिकारियों की पावर कम हुई है ना कि सरपंचों की। अब हरियाणा में छोटी सरकार में सभी जनप्रतिनिधि पढ़े लिखे हैं। ऐसे में हम सब को एक साथ मिलकर अपने गांव व प्रदेश का विकास करवाना है।
चौधरी धर्मवीर सिंह ने कहा कि किसी भी गांव में पंचायती राज का पैसा उसकी जनसंख्या के हिसाब से जारी किया जाता है। यहां पर ज्यादातर गांवों में पंचायती राज से आने वाला पैसा सरपंचों को जितनी पावर दी गई है उसके आसपास ही आता है। शेष विकास कार्य संबंधित विभाग सरपंचों की मांग पर पहले की तरह ही होने हैं।

उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे अपने गांव में विकास कार्यो से संबंधित जो भी प्रस्ताव है उसे ग्राम दर्शन पोर्टल पर अपलोड करवाएं। अब जमाना तकनीक का है। हम सभी को इसे अपनाना होगा। सरकार ने लोगों का जीवन सहज व सरल बनाने के लिए सभी योजनाओं को आनलाइन कर दिया है। लोगों को दफ्तर में चक्कर काटने की जरूरत नहीं है। लोगों को योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए हमें जागरूक रहना होगा।

सांसद ने कहा कि ग्रामीणों को मनरेगा जैसी योजनाओं से जोड़ा जाए। स्वच्छता के लिए भी इस योजना के तहत लोगों से काम लिया जा सकता है। हरियाणा में मनरेगा के तहत सबसे अधिक दिहाड़ी दी जा रही है। ऐसे में अधिकतर काम इस योजना से करवाए जाएं।

उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे विकास कार्यों पर फोकस करें। मैं खुद भी छोटी से लेकर देश की बड़ी पंचायत तक काम कर चुका हूं। सबसे पहले मैं 1983 में गांव में पंच चुना गया था। आप सबकी समस्याओं व चुनौतियों को समझता हूं। सभी बिना किसी पार्टीबाजी गांव के विकास पर जोर दें। इस मौके पर एसडीएम मनोज कुमार, बीडीपीओ प्रमोद व बीडीपीओ सुरजीत के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

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