कुंडली में सूर्य का मजबूत होना बहुत महत्वपूर्ण
Surya Grah(आज समाज), नई दिल्ली: ज्योतिष शास्त्र में भगवान सूर्य ग्रहों के राजा बताए जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, एक निश्चित अवधि में भगवान सूर्य राशि और नक्षत्र परिवर्तन करते हैं, जिसका प्रभाव सभी 12 राशियों के जातकों और देश दुनिया पर देखने को मिलता है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को मान-सम्मान, आत्मा, पिता, यश, ऊर्जा, और सकारात्मक शक्ति का कारक बताया जाता है।
यही कारण है कि कुंडली में सूर्य का मजबूत होना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। कुंडली में सूर्य के मजबूत और कमजोर होने के कई लक्षण है। इनके बारे में व्यक्ति अपनी कुंडली दिखाकर जान सकता है। सूर्य के मजबूत और कमजोर होने पर व्यक्ति के जीवन में कई लक्षण दिखते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कुंडली में सूर्य के मजबूत और कमजोर होने के लक्षणों के बारे में।
सूर्य के मजबूत होने के लक्षण
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिन लोगों की कुंडली में सूर्य मजबूत होता है, उनको हर क्षेत्र में तरक्की मिलती है। जिनकी कुंडली में सूर्य अच्छी स्थिति में होता है उनके चेहरे पर तेज चमकता है। मजबूत सूर्य वाले लोगों में आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता बहुत ज्यादा देखने को मिलती है। समाज में मान-सम्मान मिलता है। नौकरी में सफलता पाते हैं।
सूर्य कमजोर होने के लक्षण
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है, उनमें इच्छाशक्ति कम होती है। कार्यक्षेत्र में भी इसका नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है। जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है, उनके काम नहीं बनते। आत्मविश्वास कम होता है। सही और गलत के बीच फैसला लेने में कठिनाई होती है।
पिता के साथ रिश्ते मजबूत नहीं होते
सूर्य पिता के कारक माने जाते हैं। जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है, उनके अपने पिता के साथ रिश्ते मजबूत नहीं होते। कमजोर सूर्य वाले सेहत संबंधी परेशानियों से घिरे रहते हैं। साथ ही उनको अन्य समस्याएं भी होती हैं।
सूर्य को मजबूत करने के उपाय
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर है वो सूर्य देव की पूजा करें। उनको अर्घ्य दें। कुंडली में सूर्य कमजोर है, तो रविवार को व्रत करें। ये दिन भगवान सूर्य को समर्पित है। भगवान विष्णु की भी पूजा करें। हर दिन सूर्य के आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। पिता का मान-सम्मान करें।


