करनाल : अध्यात्मिकता की मिसाल है भगवान श्री कृष्ण माता रुक्मणी का विवाह : विष्णु महाराज

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Shri Krishna married Mata Rukmani
Shri Krishna married Mata Rukmani

प्रवीण वालिया, करनाल :

भगवत गीता के छठे दिन भगवान श्री कृष्ण और माता रुक्मणी के विवाह से संबंधित महाराज विष्णु कृण दास ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण और माता रुक्मणी का विवाह आध्यात्मिकता की एक ऐसी मिसाल है जिसे आज भी हिंदू लोग बड़े धूमधाम से मनाते हैं। महाराज विष्णु कृष्ण दास जी विष्ण मंदिर में प्रवचन कर रहे थे। आज श्री मद्भागवत कथा का श्रवण सैैंकड़ों धमार्लुओं ने किया। उन्होंने कहा कि हम सभी जानते हैं कि भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी का नाम हमेशा लिया जाता है परंतु श्री कृष्ण ने माता रुक्मणी से विवाह किया था। श्री कृषण भगवान बाल्यावस्था से ही बड़े नटखट थे। जब वह अपने मित्रों के साथ यमुना किनारे खेल रहे थे तो उनकी गेंद यमुना नदी में चली गई थी जिसे लेने के लिए वे यमुना नदी में कालिया नाग से भिड़ गए थे और उनके सर पर खड़े होकर नृत्य किया था।

हम सभी भगवान की लीलाओं को देखकर प्रसन्न होते हैं। भगवान श्री कृष्ण इन सभी क्रियाएं और लीलाओ से हमें जीवन में संघर्ष और सच्चे पथ पर चलने का पाठ पढ़ाते हैं। महाराज जी ने बताया कि कथा के छठे दिन माता रुक्मणी और श्री कृष्ण भगवान का विवाह बड़ी धूमधाम से मनाया गया जिसमें लोगों ने दोनों का आशीर्वाद लिया महाराज जी ने लोगों को बताया कि जिस प्रकार माता रुक्मणी और कृष्ण जी का विवाह आध्यात्मिकता को हमारे जीवन में धारण करने का मार्ग है। इसी प्रकार हमें उनके बताए हुए मार्ग पर चलकर एक सच्चे धार्मिक जीवन को पाना चाहिए। इस अवसर पर प्रकाश पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल सतीश राणा, स्वच्छ भारत मिशन हरियाणा के वाइस चेयरमैन सुभाष चंद्र ने भगवान की पूजा अर्चना की और आशीर्वाद लिया। इस मौके पर डा. योगेश छावड़ा, डा. एनपी सिंह, डा.राकेश दुआ, विशाल सामरा, रवि सौदा, बाला देवी, अश्वनी शर्मा, राजा  तोमर, पीयूष शास्त्री, अभिषेक शर्मा एवं विभिन्न क्षेत्रों से भक्तगण मौजूद थे जिन्होंने भगवान का आशीर्वाद लिया।

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