करनाल: शहर से डेयरियां करें शिफ्ट, अन्यथा पशुओं को करेंगे बाहर: डॉ. मनोज

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Deputy Director Dr. Dharmendra Dairy Director
Deputy Director Dr. Dharmendra Dairy Director

 

प्रवीण वालिया, करनाल:

नगर निगम आयुक्त डॉ. मनोज कुमार की डेयरी संचालकों के साथ डॉ. मंगलसेन आडिटोरियम में हुई मीटिंग में निर्णय लिया कि सभी डेयरी संचालक चालू मास के अंदर-अंदर अपनी डेयरियों को पिंगली स्थित डेयरी कॉम्पलैक्स में शिफ्ट करें, अन्यथा नगर निगम एन्फोर्समेंट के जरिए पशुओं को उठाकर शहर से बाहर करेगा। मीटिंग में मौजूद करीब 3 दर्जन डेयरी संचालकों को निगम आयुक्त ने दो टूक कहा, अब ओर बर्दाश्त नहीं, एक महीना है, इसी में डेयरियों को पिंगली कॉम्पलैक्स में ले जाएं।

शहर में हैं 150 के करीब डेयरियां

मीटिंग में बताया गया कि नगर निगम द्वारा पूर्व में किए गए सर्वे में करीब 300 डेयरियां बताई गई थी, इनमें से काफी ने डेयरी व्यवसास को बंद कर दिया है। अब सही मायनों में 150 के लगभग डेयरियां शहर में चल रही हैं, इनमें पशुओं की संख्या अलग-अलग हैं। डेयरियों से निकलने वाले गोबर से सीवर लाईने चौक हो जाती हैं और डेयरियों से शहर में गंदगी भी रहती है, इसका प्रभाव कई जगह सडकों पर देखा जा सकता है। सडकों पर डेयरी के पशुओं से दुर्घटनाएं भी होती हैं। आम नागरिक भी चाहता है कि डेयरियां शहर से बाहर शिफ्ट होनी चाहिएं। शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए डेयरियां शहर से बाहर शिफ्ट होनी आवश्यक है।

डेयरी कॉम्पलेक्स स्थल पर उपलब्ध हैं सुविधाएं

मीटिंग में निगमायुक्त ने बताया कि नगर निगम की ओर से डेयरी शिफ्टिंग स्थल पर बिजली, पानी जैसी जरूरी सुविधाएं मुहैया करवा दी गई हैं। डेयरी संचालकों के पास अब इन सुविधाओं के न होने का बहाना नही होना चाहिए। सडकें पहले से ही बना दी गई थी। डेयरी संचालक एक महीने में वहां जाकर शैड या लैंटर युक्त पशुओं के कमरे बनाएं और बाउण्डरी वाल भी करें। दो नलकूप लगाए गए हैं, वाटर सप्लाई की लाईने दे दी गई हैं। खम्बों पर बिजली की तारें पहुंच गई हैं, अप्लाई करके कनैक्शन लेना होगा, जो जल्द मिल जाएगा। डेयरी के ऊपर रिहायश के कमरे भी बना सकते हैं। फिर भी वहां जाने की जहमत नहीं उठाते, तो अगस्त के प्रथम सप्ताह में निगम पशुओं को उठाने का काम करेगा, शहर से बाहर कहां छोड़ेंगे, यह मालूम नहीं। इसके बावजूद भी जो नही जाना चाहता, वह या तो अपनी डेयरी बंद कर दे या शहर से बाहर कहीं ओर बना ले, शहर के अंदर डेयरी नहीं चलेगी।

नोटिस जारी करेंगे, एन्फोर्समेंट भी होगी

निगमायुक्त ने बताया कि पहले सभी डेयरी संचालकों को नोटिस जारी किए जाएंगे, फिर एन्फोर्समेंट टीमें अपना काम करेंगी। पशुओं को शहर से बाहर करने के लिए सेनीटेशन अधिकारी की अगुवाई में 5 टीमें तैयार की गई हैं। उन्होंने बताया कि कोई भी डेयरी संचालक अपनी शंका का समाधान करने के लिए निगम में आ सकता है। मीटिंग में डेयरी संचालकों को निगम के सचिव बाल सिंह और सहायक अभियंता सतीश मित्तल के संपर्क नंबर भी बताए गए।

एलडीएम ने पशु कर्ज की दी जानकारी

मीटिंग में आमंत्रित पशु पालन विभाग के उप निदेशक डॉ. धर्मेन्द्र ने डेयरी संचालकों को पशुधन विकास की स्कीमें बताई। कहा कि 18 से 55 की आयु वर्ग के पात्र व्यक्ति 4, 10, 20 व 50 पशु खरीदने के लिए आसान किस्तों में ऋण ले सकते हैं। चार या दस पशुओं के लिए कुल ऋण का 25 प्रतिशत सब्सिडी सरकार की ओर से देने का प्रावधान है। जबकि 20 से 50 पशु खरीदने की सूरत में लाभार्थियों को 25 प्रतिशत मार्जन मनी बैंक में जमा करवानी पड़ेगी, शेष राशि की 5 साल की किश्तें होगी और उन पर लगने वाला ब्याज हर छमाही विभाग की ओर से वहन किया जाएगा। इसी प्रकार लीड डिस्ट्रिक्ट मैनेजर ने पशु पालकों को जानकारी दी कि सरकार की स्कीम के अनुसार ऋण देने का प्रावधान है, लेकिन उसके लिए सभी औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती हैं। पशु पालन विभाग के वेटर्नरी सर्जन डॉ. तरसेम राणा ने बताया कि कोई भी डेयरी संचालक या पशु पालक उनके महात्मा गांधी चौक स्थित कार्यालय में आकर पशु डेयरी या पशु खरीदने के लिए ऋण से सम्बंधी स्कीमों की जानकारी विस्तार से ले सकते हैं।

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