करनाल: ब्लैक फंगस के लक्षण दिखने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र से करें संपर्क : डी.सी.

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प्रवीण वालिया, करनाल

उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि कोरोना महामारी के बाद ब्लैक फंगस का प्रकोप जारी है। लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। सरकार द्वारा ब्लैक फंगस को एक अधिसूचित बीमारी घोषित किया गया है। इस बीमारी पर नियंत्रण के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे है। ब्लैक फंगस के लक्षणों में आंख और कान के आसपास दर्द या लालिमा, सिरदर्द, सांस लेने में परेशानी, मानसिक भ्रम, बुखार, खांसी एवं उल्टी में खून शामिल है। यह लक्षण दिखाई देते ही डाक्टर से सम्पर्क करें। उन्होंने बताया कि जिले में ब्लैक फंगस के लिए केसीजीएमसी में मरीजों के ईलाज के लिए व्यापक प्रबंध है। करीब 35 मरीजों का उपचार किया जा चुका है। मेडिकल कालेज में लगभग 40 मरीज उपचाराधीन है। उन्होंने कहा कि कोरोना संमक्रण की रफ्तार धीमी हुई है, लेकिन पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है।

लोगों को सावधानी रखने की जरूरत है। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। भीड़भाड़ वाले क्षेत्र से बचना चाहिए। यदि लोग लापरवाही करते रहे तो कोरोना संक्रमण की बीमारी बहुत नजदीक है। उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस बीमारी के मामले भी सामने आ रहे हैं, जोकि बेहद चिंता का विषय है। उपायुक्त ने कहा कि ब्लैक फंगस की बीमारी से बचाव के लिए धूल भरे निर्माण स्थलों पर जाते समय मास्क का प्रयोग करें, मिट्टी, काई या खाद इत्यादी का कार्य करते समय जूते, लम्बी पतलून, लम्बी बाजू की शर्ट एवं दस्ताने पहने, व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें एवं प्रतिदिन अच्छे से स्नान करे, खून में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित रखें। उन्होंने कहा कि कोविड से ठीक होने के बाद मधूमेह के रोगी ब्लड ग्लूकोज का ध्यान रखें, स्टेरोयड का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह पर व सही समय, सही खुराक और सही अवधि के साथ ही करे।

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