स्कूल में पढ़ने वाली बेटियों ने कहा..हम पढ़ना चाहते है, स्कूल को करें अपग्रेड

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Upgrade the School of Chor Karsa Village of Karnal
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इशिका ठाकुर, Karnal News:
हरियाणा के करनाल के चोर कारसा गांव में स्कूल में पढ़ने वाली बेटियों ने कहा..हम पढ़ना चाहते है, स्कूल को करें अपग्रेड, जिला सचिवालय में अपने परिजनों के साथ पहुँची बेटियां।

बच्चे पढ़कर गुणवत्तापूर्वक शिक्षा हासिल 

करनाल- जहां प्रदेश भर में बड़े-बड़े प्रतिष्टित प्राइवेट स्कूल खुले हुए है, जहां पर स्कूलों की मोटी फीस चुका पाने वाले सक्षम माता-पिता के बच्चे पढ़कर गुणवत्तापूर्वक शिक्षा हासिल कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर ऐसे अभिभावक है, जो अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए सरकार से स्कूल को अपग्रेड करने की मांग कर रहे है। उन्हें चिंता सता रही है कि उनके बच्चों का बिना पढ़ाई के क्या भविष्य होगा खासकर बेटियों का।

स्कूल को अपग्रेड नहीं तो शिक्षा प्रभावित होगी

Upgrade the School of Chor Karsa Village of Karnal
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ऐसा ही एक मामला करनाल के चोर कारसा गांव से बेटे-बेटियां स्कूल को अपग्रेड करने की मांग को लेकर लघु सचिवालय डीसी से मिलने के लिए पहुंची। बेटियों ने डीसी से गुहार लगाई कि गांव के स्कूल को अपग्रेड किया जाए, अगर ऐसा नहीं होता तो उनकी शिक्षा प्रभावित होगी। क्योंकि उनके अभिभावक उन्हें गांव से बाहर पढ़ने के लिए भेजना नहीं चाहते, बाहर भेजने में काफी दिक्कतें है, आने जाने के लिए कोई साधन तक नहीं। इन स्थितियों में कैसे बेटियां स्कूलों में जाकर पढ़ पाएगी।

स्कूल को अपग्रेड किया जाए

सपना, स्टूडेंट, गांव चोरकारसा में पढ़ने वाली बेटी ने कहा स्कूल को अपग्रेड किया जाए, साथ ही स्कूल में स्टाफ की भारी कमी हैं। जब स्कूलों में टीचर ही नहीं है, तो बच्चों का क्या भविष्य है। हमारी मांग है कि स्कूल को अपग्रेड किया जाए। उन्होंने कहा कि उनके माता पिता खासकर बेटियों को गांव से बाहर नहीं भेजना चाहते। क्योंकि बाहर जाने में काफी दिक्कतें है।

बेटियों को सिर्फ दसवीं तक पढ़ाते है

नीलम, बच्चो के परिजन ने कहा उनके गांव में दसवीं तक का सरकारी स्कूल है, हम बेटियों को दसवीं के बाद पढ़ाना चाहते है। लेकिन चाह कर भी नहीं पढ़ा पाते। क्योंकि गांव से बाहर जाने के लिए सार्वजनिक बस सुविधा उपलब्ध नहीं है ओर नहीं ही गरीब अभिभावकों के पास आर्थिक संसाधन। इन सब दिक्कतों की वजह से बेटियों को सिर्फ दसवीं तक ही पढ़ा पाते है। उन्होंने कहा कि बेटे तो आगे की पढ़ाई के लिए दूसरे गांव या शहरों में जा सकते है। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि गांव के स्कूल को 12 वीं तक किया जाए साथ ही स्कूल में अध्यापकों की संख्या पूरी की जाए ताकि पढ़ाई बाधित न हो सकें।

12 वीं तक की पढ़ाई की सुविधा नहीं 

रूमा कश्यप स्टूडेंट गांव चोरकारसा, उन्होंने कहा कि गांव में 12 वीं तक स्कूल बनाया जाए, साथ ही स्कूल में स्टाफ की कमी को पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि उनके माता पिता उन्हें दसवीं के बाद नहीं पढ़ाना चाहते, क्योंकि गांव में 12 वीं तक की पढ़ाई की सुविधा नहीं है, बाहर वे भेजना नहीं चाहते। उनकी मांग है कि गांव के सरकारी स्कूल को अपग्रेड किया जाए साथ ही स्कूल में स्टाफ की कमी को पूरा किया जाए।

स्कूल में स्टाफ पूरा नहीं है

महक, स्टूडेंट, गांव चोरकारसा बे बताया, गांव के स्कूल को दसवीं से अपग्रेड कर 12 वीं तक किया जाए। हम पढ़ना चाहते है, लेकिन दसवीं के बाद पढ़ाई के लिए उनके सामने सारे रास्ते बंद हो जाते है। उन्होंने कहा कि अगर बाहर पढ़ने जाना भी चाहे तो न तो बस है ओर नहीं बस के आने जाने का कोई समय। गांव के स्कूल में 2 से 250 से अधिक बच्चे पढ़ते है, लेकिन स्टाफ पूरा नहीं है। जिससे पढ़ाई बाधित हो रही है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि गांव के स्कूल को अपग्रेड किया जाए साथ स्कूल के स्टाफ को पूरा किया जाए।

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