Kargil’s ‘brave’ MiG-27 journey ends with Indian Army, Pakistan was in awe: कारगिल के ‘बहादुर’ मिग-27 का सफर भारतीय सेना के साथ खत्म, खौफ खाता था पाकिस्तान

0
161

नई दिल्ली। भारतीय सेना की शान रहे मिग-27 विमानों को औपचारिक रूप से विदा किया गया। अब भारतीय सेना में मिग-27 विमान इस्तेमाल नहीं किए जाएंगे। मिग-27 विमानों को भारतीय वायु सेना के बेड़े में 1985 में शामिल किया गया था। लड़ाकू विमान मिग-27 की आखिरी स्क्वाड्रन को शुक्रवार को औपचारिक रूप से विदा कर दिया गया। जोधपुर एयरबेस पर हुए विदाई समारोह के बाद इस स्क्वाड्रन के सात विमान अब इतिहास का हिस्सा बन गए। जोधपुर एयरबेस में इस विमान की दो स्क्वाड्रन थी, जिसमें से एक को इस साल की शुरूआत में डिकमीशन कर दिया गया था। आखिरी को आज औपचारिक रूप से विदा कर दिया गया। इन विमानों को 2016 में ही विदाई देने की तैयारी थी लेकिन वायुसेना में विमानों के घटते स्क्वाड्रन को देखते हुए इसमें तीन साल विलंब हुआ। इन विमानों को अब कलपुर्जे उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण रिटायर किया गया। इन विमानों की खरीद रूस से की गई थी। भारत ने रूस से 165 मिग-27 विमाल खरीदे थे। लेकिन अब यह लगातार दुर्घटना ग्रस्त हो रहे थे। इसी साल दो मिग-27 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। इसका रिर्काड देखा जाए तो पिछले 10 साल में हर साल दो मिग 27 विमान दुघर्टना का शिकार हुए हैं जिनमें वायुसेना के कई जाबाज पायलट शहीद भी हुए हैं। इस विमान में आर-29 नाम का इंजन लगा हुआ था जिसे रूस ने खुद विकसित किया था। साल 1999, कारगिल की ऊंची चोटियों पर भारतीय वायुसेना के मिग 27 ने आसमान से पाक सैनिकों पर आग बरसाई थी। इस बहादुर ने पाक सेना के सप्लाई और पोस्ट पर इतनी सटीक और घातक बमबारी की जिससे उनके पांव उखड़ गए। जमीन पर अचूक हमला करने में सक्षम इस रूसी लड़ाकू विमान को कारगिल युद्ध में पराक्रम दिखाने के लिए बहादुर नाम दिया गया। इसका खौफ पाकिस्तान के दिलो दिमाग में ऐसा छा गया कि उसने चुड़ैल नाम दे डाला।

SHARE