Kambala Race: Nishant Shetty overtakes Srinivas Gowda faster than Usain Bolt: कम्बाला रेस : उसेन बोल्ट से तेज श्रीनिवास गौड़ा से •ाी आगे निकले निशांत शेट्टी

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नई दिल्ली। भैंसा दौड़ (कम्बाला) में उम्दा प्रदर्शन की बदौलत धावक श्रीनिवास गौड़ा स्टार बन गए लेकिन अब उनसे भी तेज एक रेसर सामने आया है। सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोरने वाले श्रीनिवास गौड़ा ने इस प्रतियोगिता के दौरान 100 मीटर की दूरी केवल 9.55 सेकंड में तय की। वेनुर में सूर्य चंद्र कम्बाला में निशांत शेट्टी नाम के एक धावक ने 9.52 सेकंड में ही 100 मीटर की दूरी तय कर दी, जो गौड़ा से करीब 3 सेकंड कम है। इतना ही नहीं, दो अन्य धावकों ने भी 100 मीटर की दूरी गौड़ा से काफी करीबी अंतर से पूरी की। अक्केरी सुरेश शेट्टी और इरवाथुरु आनंद ने 9.57 सेकंड में 100 मीटर की दूरी तय की।
हग्गा-हीरिया कैटिगरी में निशांत ने 143 मीटर की दूरी 13.61 सेकंड में पूरी की जिसमें शुरुआती 100 मीटर तो 9.52 सेकंड में ही पूरे कर लिए। आयोजकों ने यह जानकारी दी। कर्नाटक के गौड़ा ने कम्बाला में सिर्फ 13.62 सेकंड में 142.50 मीटर की दौड़ लगाई जिसके बाद यह दावा किया गया कि उन्होंने सिर्फ 9.55 सेकंड में 100 मीटर की दूरी तय की। उसेन बोल्ट का 100 मीटर दौड़ को 9.58 सेकंड में पूरा करने का विश्व रेकॉर्ड है। सोशल मीडिया में गौड़ा की दौड़ वायरल होने के बाद खेल मंत्री किरण रिजिजू ने साई के शीर्ष कोचों की देखरेख में ट्रायल कराने का निर्देश दिया था।
वेन्नूर में बाजागोली जोगीबेट्टू के निशांत शेट्टी ने रविवार को यह रिकॉर्ड बनाया। इससे पहले श्रीनिवास गौड़ा को मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा ने सम्मानित भी किया था। गौड़ा को इसके साथ ही राज्य सरकार ने 3 लाख रुपए बतौर पुरस्कार देने का भी ऐलान किया है। वहीं, खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने श्रीनिवास की प्रतिभा देखते हुए उन्हें बेंगलुरु के साइ सेंटर पर ट्रायल देने के लिए बुलाया था। हालांकि गौड़ा ने ट्रायल से इससे इंकार कर दिया था।
गौड़ा ने बीते दिनों ही खेल मंत्री रिजिजू से मिले पेशकश ठुकरा दी थी। उन्होंने कहा था कि कम्बाला रेस और ट्रैक रेस में बहुत फर्क है। गौड़ा ने कम्बाला रेस में हील्स के महत्वपूर्ण रोल पर सबका ध्यान दिलाया था। उनका कहना था कि ट्रैक रेस में पैरों की ऊंगलियां महत्वपूर्ण होती हैं जबकि कम्बाला रेस में जॉकी को भगाने में भैंसों का भी रोल होता है। ट्रैक रेस में अकेले ही भागना पड़ता है।

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