दिव्य-चेतना के उच्चतम स्तर को छूने के कारण श्रावण मास शुभ संकल्प सिद्धि हेतू सर्वश्रेष्ठ समय: स्वामी नरेश शारदा

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Kaithal News/The holy Maharudrabhishek as part of the ongoing Shiva-worship series in the month of Shravan by Art of Living
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मनोज वर्मा,  कैथल :

 

आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर द्वारा संचालित संस्था आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा श्रावण मास में अनवरत जारी शिव-पूजा श्रृंखला के अंतर्गत पावन महारुद्राभिषेक का शुभारंभ स्वामी नरेश शारदा द्वारा दीप प्रज्वलन संग गणेश वंदना वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा के पश्चात्  गुरुपूजा के साथ किया गया। आचार्या अल्पना मित्तल ने बताया कि कैलाश भवन, कैथल में स्वामी नरेश शारदा एवं वेद पंडित तपस पांडा संग पण्डित महाजन जोशी के पावन सानिध्य में विधिपूर्वक सम्पन्न इस विशेष शिवपूजा महारुद्राभिषेक में साधकों ने शुद्ध वैदिक मंत्रोचारण के बीच बेहद सात्विक वातावरण में शिव आराधना करते हुए भगवान शिव के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की।

 

सम्पूर्ण वातावरण पर भी शुद्ध एवं सात्विक प्रभाव डालेगी

स्वामी नरेश शारदा ने बताया कि ब्रम्हांड में श्रावण मास के दौरान शिव-तत्त्व के अपने चरम-शीर्ष को प्राप्त करने से दिव्य-चेतना के अपने उच्चतम स्तर को छू लेने के कारण यह श्रावण मास का कालखंड शुभ संकल्प लेने और उस शुभ संकल्प के फलीभूत होने के लिए सर्वश्रेष्ठ समय माना गया है। इससे महारुद्राभिषेक के दौरान पंचतत्व का संतुलन भी अपनी उच्चतम सन्तुलित अवस्था में होने से साधक का व्यक्तित्व भी पूर्णरूपेण सन्तुलित हो पाता है। इसी कारण इस पावन शिव-पूजा एवं साधना करने से साधक जिस सकारात्मक ऊर्जा एवं दिव्य-प्राणशक्ति से ओतप्रोत होंगे वो उनके संकल्प सिद्धि में सहायक होने के साथ साथ सम्पूर्ण वातावरण पर भी शुद्ध एवं सात्विक प्रभाव डालेगी।

 

 

Kaithal News/The holy Maharudrabhishek as part of the ongoing Shiva-worship series in the month of Shravan by Art of Living
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साधकों को दिव्यानंद की अलौकिक अनुभूति करवाई

तत्पश्चात्  सुमधुर भजनों से सुशोभित दिव्य भजन संध्या में दीपक सेठ तथा पण्डित तपस पांडा द्वारा शिव आराधना एवं गुरु-वंदना सम्बन्धी गाये गए सुमधुर भजनों की अनूठी श्रृंखला ने शिवमय वातावरण की रचना करते हुए सभी साधकों को दिव्यानंद की अलौकिक अनुभूति करवाई। दीपक सेठ द्वारा कलात्मक संगीत से सुसज्जित शिव-भक्ति के भजन भोले की जय जय शिवजी की जय जय; पार्वती-पति शिवजी की जय जय की मनमोहक गूंज से सम्पूर्ण वातावरण अध्यात्मिकता की पवित्र खुशबू से महक उठा।

 

सभी भक्तजनों को मंत्रमुग्ध कर दिया

तपस पांडा द्वारा भगवान शिव के चरणों में समर्पित गाए गए भावपूर्ण भजन शिव कैलाशों के वासी धौलीधारों के राजा, शंकर संकट हरना ने सभी भक्तजनों को भक्तिमय संगीत की अनंत गहराइयों में सराबोर करते हुए असीम ऊर्जा एवं दिव्यानंद की अलौकिक अनुभूति करवाई। दीपक सेठ द्वारा मधुर वाणी में गाए गए शिव चरणों में समर्पित ह्र्दय-स्पर्शी भजन शिव राजा महेश्वराय जय शंकर शिव शम्भू ने सभी भक्तजनों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में परमपूज्य गुरुदेव श्री श्री रविशंकर के निमित्त के रूप में स्वामी नरेश शारदा ने सभी भक्तों को दिव्याशीष प्रदान करते हुए उन्हें गुरू-आशीष सूचक प्रशाद भी प्रदान किया।

 

ये रहे मौजूद

कार्यक्रम का समापन सभी भक्तजनों द्वारा लंगर रूपी प्रशाद ग्रहण करने से हुआ। इस दिव्य आयोजन में सतीश सेठ, दीपक सेठ एडवोकेट, अल्पना मित्तल, किरण सेठ, कंचन सेठ, भारती गुप्ता, सूरजभान शांडिल्य, भारत खुराना, दिनेश भारद्वाज, आदित्य भारद्वाज, सुनील खुराना, निधि गुप्ता, पुष्पिंदर सेठ, सतीश भल्ला, मीरा भल्ला, रोहित कालरा, पीयूष हसीजा, सुनील खुराना, कृतिका गुप्ता, शैलजा खुराना, कपिल गुगलानी, शैफाली खुराना, विजया हसीजा, यशिका हसीजा, गुलाब, राजू मास्टर तथा कमल कान्त गाँधी आदि साधकों ने अपनी गरिमामय उपस्थिति द्वारा इस कार्यक्रम को सार्थकता प्रदान की।

 

 

 

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