जे पी नड्डा और जयराम ठाकुर ने की एम्स बिलासपुर और अन्य विकास कार्यों के प्रगति की समीक्षा JP Nadda In AIIMS Bilaspur

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JP Nadda In AIIMS Bilaspur

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आज समाज डिजिटल, बिलासपुर:

JP Nadda In AIIMS Bilaspur: राज्यसभा सांसद एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (Jagat Prakash Nadda) और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jai Ram Thakur) ने मंगलवार को बिलासपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बिलासपुर (AIIMS Bilaspur) के कोठीपुरा स्थित परिसर में विभिन्न परियोजनाओं एवं विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान जे पी नड्डा ने कहा कि “मरीज की जान बचाने के लिए अपनी जान लगा देना ही एम्स की संस्कृति है। इसलिए, संस्थान की गुणवत्ता और संकाय की क्षमता के साथ कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा।”

चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मचारियों की तैनाती पर विशेष ध्यान

नड्डा ने कहा कि “डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से ही बिलासपुर में 750 बिस्तर क्षमता का एम्स संस्थान आकार ले रहा है, जिस पर लगभग 1471 करोड़ रुपए व्यय किए जा रहे हैं। इसका अधिकांश कार्य पूरा कर लिया गया है। इसके विभिन्न भवनों के निर्माण के साथ-साथ चिकित्सकों (physicians) और स्वास्थ्य कर्मचारियों (health workers) की तैनाती पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि जनता को अतिशीघ्र स्वास्थ्य सेवाओं का पूर्ण लाभ मिल सके।”

कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन नेशनल हाईवे कार्य प्रगति पर

जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि “कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन नेशनल हाईवे (Kiratpur-Nerchowk Fourlane National Highway) का कार्य प्रगति पर है। लगभग 47 किलोमीटर 750 मीटर लंबे इस मार्ग पर 22 बडे़ पुलों, 15 छोटे पुलों और पांच डबल लेन सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है। फोरलेन का कार्य पूर्ण होने पर गरामोड़ा से मंडी की दूरी 40 किलोमीटर कम होगी तथा यात्रा का समय भी लगभग सवा घंटा कम हो जाएगा। बिलासपुर और गरामोड़ा की दूरी भी 23 किलोमीटर तक कम हो जाएगी।”

नड्डा ने कहा कि “6753 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित होने वाली भानुपल्ली रेलवे लाईन का कार्य भी प्रगति पर है, जिसके तहत हिमाचल प्रदेश में 48.6 किलोमीटर लाईन बिछाई जाएगी। इस ट्रैक पर 20 सुरंगें और 26 मुख्य पुल बनाए जाएंगे। इस परियोजना के तहत बैरी तक भूमि अधिग्रहण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है।” इस अवसर पर एम्स परियोजना, भानुपल्ली रेल परियोजना, फोरलेन नेशनल हाईवे और गोविंदसागर में जलमग्न मंदिरों की पुनर्स्थापना से संबंधित प्रस्तुति भी दी गई।

कई गणमान्य हस्तियां उपस्थित

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजिंद्र गर्ग, सांसद एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप, विधायक सुभाष ठाकुर, विधायक जेआर कटवाल, राज्य आपदा प्रबंधन बोर्ड के उपाध्यक्ष रणधीर शर्मा, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल, मुख्य सचिव राम सुभग सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुभाशीष पन्डा, पर्यटन विभाग के निदेशक अमित कश्यप, उपायुक्त पंकज राय, पुलिस अधीक्षक एसआर राणा, एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. वीर सिंह नेगी, भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक डॉ. पंकज ललित, रेलवे विकास निगम लिमिटेड के अतिरिक्त महाप्रबंधक सुशील महाजन, संयुक्त महाप्रबंधक अनमोल नागपाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

गोविंद सागर झील में समाए मंदिरों को करेंगे पुनर्स्थापित

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस दौरान कहा कि “गोविंद सागर झील में समा चुके बिलासपुर के प्राचीन ऐतिहासिक मंदिरों को पुनर्स्थापित करने के लिए 1400 करोड़ की परियोजना तैयार की गई है, जिसे तीन चरणों में कार्यान्वित करने का प्रस्ताव है। प्रदेश सरकार ने बजट में इसकी भी घोषणा की है। इस परियोजना को अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के सहयोग से पूरा किया जाएगा।”

जयराम ठाकुर ने कहा कि “परियोजना के पहले चरण में इन मंदिरों को नाले का नौण में पुनर्स्थापित करने का प्रस्ताव है। इसी परियोजना के दूसरे चरण में सांडू के मैदान को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। तीसरे चरण में मंडी भराड़ी के पास बैराज बनाकर मंदिरों के आस-पास एक जलाशय बनाया जाएगा। इसमें रिवर फ्रंट और वॉकवेज इत्यादि विकसित किए जाएंगे। इस महत्वाकांक्षी योजना के माध्यम से जहां बिलासपुर एक आदर्श पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा, वहीं इससे बिलासपुर का पुराना इतिहास और संस्कृति भी पुनर्जीवित होगी, जिससे सभी बिलासपुरवासियों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं।”

कोलडैम उठाऊ पेयजल परियोजना स्वीकृत

मुख्यमंत्री ने कहा कि “एम्स और हाईड्रो इंजीनियरिंग महाविद्यालय को प्रतिदिन 21 लाख लीटर पेयजल उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से 66 करोड़ रुपए की कोलडैम उठाऊ पेयजल परियोजना स्वीकृत की गई है, जिसका 97 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है। बिलासपुर में 50 बिस्तर क्षमता के मातृ शिशु स्वास्थ्य देखभाल केन्द्र के निर्माण पर 10 करोड़ रुपए की राशि व्यय की जा रही है और इसका 70 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। इसके अतिरिक्त क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर की मरम्मत पर लगभग अढ़ाई करोड़ रुपए व्यय किए जा रहे हैं, जिसका कार्य प्रगति पर है।”

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