नई दिल्ली। एनसीसी के एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने दिल्ली में एनसीसी छात्र-छात्राओं को संबोधित किया। उन्होंने देश के युवाओं प्रेरित करते हुए कहा कि हमारे देश की पहचान युवा देश के रूप में है। एनसीसी, देश की युवाशक्ति में संस्कार, दृढ़ निश्चय और देशभक्ति की भावना को मजबूत करने का सशक्त मंच है। इन भावनाओं का सीधा जुड़ाव देश के विकास से है। देश के 65 प्रतिशत से ज्यादा लोग 35 वर्ष से कम उम्र के हैं। देश युवा है, इसका हमें गर्व है लेकिन देश की सोच युवा हो, यह हमारा दायित्व होना चाहिए। उन्होंने सीएए को लेकर बयान दिया कि स्वतंत्रता के बाद से स्वतंत्र भारत ने पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के हिंदुओं, सिखों और अन्य अल्पसंख्यकों से ये वादा किया था कि अगर उनको जरूरत होगी तो वो भारत आ सकते हैं। यही इच्छा गांधी जी की थी और यही 1950 में नेहरू-लियाकत समझौते की भी थी। आगे उन्होंने यह भी कहा कि दशकों पुरानी समस्याओं की सुलझा रही हमारी सरकार के फैसले पर जो लोग सांप्रदायिकता का रंग चढ़ा रहे हैं, उनका असली चेहरा भी देश देख चुका है और देख रहा है। मैं फिर कहूंगा- देश देख रहा है, समझ रहा है। चुप है, लेकिन सब समझ रहा है। उन्होंने अपनी सरकार द्वारा राफेल की खरीद पर कहा कि बीते 30 वर्षों में भारतीय वायुसेना में एक भी फाइटर प्लेन शामिल नहीं किया गया था। अब हमारे पास राफेल जैसे फाइटर प्लेन हैं। कश्मीर भारत की मुकुटमणि है। 70 साल बाद वहां से आर्टिकल 370 को हटाया गया। हम जानते हैं कि हमारा पड़ोसी देश हमसे तीन-तीन युद्ध हार चुका है। हमारी सेनाओं को उसे धूल चटाने में हफ्ते-दस दिन से ज्यादा समय नहीं लगता। इसी के साथ उन्होंने नार्थ इस्ट की भी बात की। उन्होंने कहा कि नॉर्थ ईस्ट के विकास के लिए अभूतपूर्व योजनाओं की शुरूआत की और दूसरी तरफ बहुत ही खुले मन और खुले दिल के साथ सभी के साथ बातचीत शुरू की। बोडो समझौता आज इसी का परिणाम है।
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