विरोध जरूरी हर किसी का जिससे समाज की सभ्यता व संस्कृति आहत होती हैं : विपिन शर्मा

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It is necessary to oppose those who hurt the culture of the society: Vipin Sharma

नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:

आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में जिला बाल कल्याण परिषद की ओर से आज बीआर विद्यालय सेहलंग में बच्चों को नैतिक मूल्यों की शिक्षा पर जागरूकता शिविर का आयोजन किया।

नैतिक मूल्यों की शिक्षा के बारे में जानकारी दी

इस मौके पर नैतिक शिक्षा के राज्य नोडल अधिकारी एवं पूर्व जिला बाल कल्याण अधिकारी विपिन कुमार शर्मा ने संबोधित करते हुए कि आज व्यक्ति एवं समाज में साम्प्रदायिक्ता, जातीयता, भाषावाद्, हिंसा, अलगाववाद की संकीर्ण भावनाओं व समस्याओं के मूल में नैतिक मूल्यों का पतन ही उत्तरदायी कारण है। वास्तव में नैतिक गुणों की कोई सूची नहीं बनाई जा सकती परन्तु हम इतना अवश्य कह सकते हैं कि मनुष्य में अच्छे गुणों को हम नैतिक कह सकते हैं जो व्यक्ति के स्वयं के विकास और कल्याण के साथ दूसरों के कल्याण में भी सहायक हो। नैतिक मूल्यों का समावेश जीवन के सभी क्षेत्रों में होता है। व्यक्ति परिवार, समुदाय, समाज, राष्ट्र से मानवता तक नैतिक मूल्यों की यात्रा होती है। नैतिकता समाज में सामाजिक जीवन को सुगम बनाती है। मानव को सामाजिक प्राणी होने के नाते कुछ सामाजिक नीतियों का पालन करना पड़ता है जिनमें संस्कार, सत्य, परोपकार, अहिंसा आदि शामिल है। वास्तव में ये सभी नैतिक गुणों में आते है और बच्चों को इन्हें बचपन से ही धारण कर लेना चाहिए ताकि अच्छे परिवार, समाज, राष्ट्र का निर्माण हो सकें।

उन्नति के लिए अपनी सभ्यता व संस्कृति का पालन करें

उन्होंने बच्चों को उच्च श्रेणी की शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ नैतिक मूल्यों की शिक्षा को भी अवधारण करने के लिए प्रेरित किया तथा अपने बुजुर्गो, अध्यापकों व अपने सभी सगे-संबंधियों का आदर करने की अपील की तथा उनसे अनुरोध किया कि वे अपने जीवन में कामयाब इंसान के साथ-साथ एक अच्छे इंसान बने ताकि अच्छे भारत के निर्माण में वे अपना योगदान दे सकें। उन्होनें बच्चों से खासकर अपील की कि वे अपने दादा-दादी के साथ समय अवश्य बिताएं तथा उनका अनुभव का लाभ उठाकर अपने जीवन को सफल बनाए। उन्होंने कहा कि विरोध जरूरी है, हर किसी का जिससे समाज की सभ्यता व संस्कृति आहत होती है, चाहे वो फिल्म हो, व्यापार हो, मित्र हो, परिवार हो या समाज हो। हम सबका अपने राष्ट्र के प्रति कर्तव्य बनता है कि उसके विकास व उन्नति के लिए अपनी सभ्यता व संस्कृति का पालन करें एवं सभी बच्चों को इनसे जागरूक रखें।

नशा मनुष्य को कमजोर बनाता है

इस मौके पर नशा मुक्ति एवं पूनर्वास केन्द्र से परियोजना निदेशक रोहताश रंगा ने कहा कि बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ नशे आदि से दूर रहना चाहिए तथा अपने परिवार सगे-संबंधियों को भी नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करना चाहिए। नशा मनुष्य को शारीरिक, मानसिक व सामाजिक रूप से कमजोर बनाता है जिससे वह व्यक्ति समाज में भी अपना सम्मान खो देता है तथा उसे सभी हीन भावना से देखते हैं। विद्यालय के चेयरमैन हरिश भारद्धाज ने नैतिक मूल्यों पर अपने विचार रखे और बच्चों से अपील की कि वे बताई गई सभी बातों को अपने जीवन में व्यवहारिक रूप से लागू करें तथा अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ अच्छे नागरिक भी बने।

इस अवसर पर बाल भवन नारनौल से तीरन्दाजी कोच सुरेन्द्र शर्मा, उप चेयरमैन कृष्ण भारद्वाज, वशिष्ठ प्राचार्य राममोहन, उप प्राचार्य ज्योति भारद्वाज, कालेज प्राचार्य राकेश कौशिक, राजकुमार कोर्डिनेटर, नीतू मिडिल हैड व अन्य सभी अध्यापकगण व स्कूली बच्चें उपस्थित थे।

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