Israel-Hamas Fight: चीन और रूस ने संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के आतंकवाद के खिलाफ प्रस्ताव पर लगाया अड़ंगा

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Israel-Hamas Fight
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (बाएं) और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (दाएं)। 

Aaj Samaj (आज समाज), Israel-Hamas Fight, न्यूयॉर्क। इजरायल-हमास जंग के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में अमेरिका द्वारा आतंकवाद के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव के मसौदे पर सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों चीन और रूस ने अड़ंगा लगा दिया। इसके बाद अमेरिका और ब्रिटेन ने भी रूस द्वारा इजरायल-हमास युद्ध के बीच लाए गए विपरीत प्रस्ताव पर वीटो का इस्तेमाल किया। वहीं संयुक्त राष्ट्र की 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद ने जंग को लेकर अमेरिका तथा रूस द्वारा पेश किए दो विरोधी प्रस्तावों पर वीटो किया।

  • ब्रिटेन-अमेरिका ने रूस के प्रस्ताव के खिलाफ किया वीटो का इस्तेमाल

सदस्य देशों को अपनी रक्षा करने का अधिकार : यूएस

गाजा तक मानवीय मदद पहुंचाने के लिए युद्ध विराम का आह्वान करने वाले अमेरिका के नेतृत्व में यूएनएससी में लाए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि सदस्य देशों को आतंकी कृत्यों से शांति व सुरक्षा के लिए पैदा किए गए खतरों के खिलाफ अपनी रक्षा करने का अधिकार है। इसके अलावा अमेरिका के प्रस्ताव में हमास आतंकियों द्वारा शासित क्षेत्र गाजा में पूर्ण व त्वरित सुरक्षा और निर्बाध पहुंच के लिए सभी उपाय करने का आह्वान किया गया है।

संयुक्त अरब अमीरात ने भी अमेरिका के खिलाफ वीटो किया

रूस व चीन के अलावा संयुक्त अरब अमीरात ने भी अमेरिका द्वारा पेश किए प्रस्ताव के मसौदे के खिलाफ वीटो किया।
इसके पक्ष में 10 (अल्बानिया, फ्रांस, इक्वाडोर, गाबोन, घाना, जापान, माल्टा, स्विट्जरलैंड, ब्रिटेन, अमेरिका) सदस्य देशों ने वोट किया और ब्राजील और मोजाम्बिक वोटिंग से दूर रहे।

राजदूत ने वीटो किए जाने पर निराशा जताई

प्रस्ताव पर मतदान से पहले संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा था कि वाशिंगटन ने मजबूत और संतुलित प्रस्ताव पर आम सहमति बनाने का प्रयास किया है। उन्होंने रूस व चीन द्वारा इस प्रस्ताव के खिलाफ वीटो किए जाने पर निराशा जताई और सुरक्षा परिषद के सदस्यों से रूस के प्रस्ताव पर वोट देकर मॉस्को के निंदनीय और गैरजिम्मेदाराना बर्ताव को बढ़ावा न देने का अनुरोध किया।

मॉस्को के प्रस्ताव पर भी मतदान

सुरक्षा परिषद ने बाद में मॉस्को के प्रस्ताव पर भी मतदान किया जिसमें मानवीय युद्धविराम, गाजा में निर्बाध सहायता और इजरायली सैनिकों द्वारा गाजा के नागरिकों को दक्षिणी हिस्से में जाने का आदेश तुरंत रद करने का आह्वान किया गया था। इस प्रस्ताव के पक्ष में पर्याप्त वोट नहीं पड़े। चार देशों चीन, गाबोन, रूस और संयुक्त अरब अमीरात ने इसके पक्ष में वोट किए और ब्रिटेन व अमेरिका ने इस पर वीटो का इस्तेमाल किया। नौ देश मतदान से दूर रहे।

सप्ताह में चौथी बार विफलता

एक सप्ताह में यह चौथी बार है, जब यूएनएससी इजरायल पर सात अक्टूबर को हमास के हमले के बाद से शुरू हुए युद्ध में कोई प्रस्ताव स्वीकार करने तथा एकजुट होकर कार्रवाई करने में विफल रही है। संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के स्थायी प्रतिनिधि गिलाड एर्डन ने कहा कि अमेरिका के प्रस्ताव के खिलाफ वोट करने वाले परिषद के सदस्यों ने दुनिया को यह दिखाया है कि यह परिषद इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकियों की निंदा करने का सबसे मूलभूत काम करने में भी असमर्थ है और इन जघन्य अपराधों के पीड़ितों के आत्मरक्षा के अधिकार की पुष्टि भी नहीं कर सकती।

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