India-US Trade Deal : फिर लटका भारत-अमेरिका व्यापार समझौता

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India-US Trade Deal : फिर लटका भारत-अमेरिका व्यापार समझौता
India-US Trade Deal : फिर लटका भारत-अमेरिका व्यापार समझौता

भारत और अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की वार्ता के बाद मार्च 2026 तक कोई निष्कर्ष निकलने की उम्मीद

India-US Trade Deal (आज समाज), बिजनेस डेस्क : भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर लगातार वार्ता जारी है लेकिन किसी भी अंतिम नतीजे पर यह वार्ता नहीं पहुंच पा रही। दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच नई दिल्ली में अहम वार्ता हुई। अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूटीआर) जैमीसन ग्रीर ने कहा है कि दोनों देशों के बीच यहां शुरू हुई दो दिवसीय वार्ता के बीच अमेरिका को प्रस्तावित व्यापार समझौते पर भारत से अब तक के ‘सर्वश्रेष्ठ’ प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।

इस बीच, मंगलवार को वाशिंगटन में सीनेट विनियोग उपसमिति की सुनवाई में बोलते हुए, ग्रीर ने कहा कि भारत में कुछ पंक्तिबद्ध फसलों और अन्य मांस उत्पादों के प्रति प्रतिरोध है। अमेरिका में पंक्तिबद्ध फसलों में मक्का, सोयाबीन, गेहूं और कपास शामिल हैं। ये टिप्पणियां महत्वपूर्ण हैं क्योंकि दोनों पक्ष प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के पहले चरण को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।

अमेरिकी राष्टÑपति ने दिया था सकारात्मक संदेश

ज्ञात रहे कि पिछले दिनों अमेरिकी राष्टÑपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि वे जल्द ही भारत के प्रधानमंत्री और अपने प्रिय दोस्त नरेंद्र मोदी से मिलेंगे और जल्द ही दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते को लेकर अच्छी जानकारी सामने आएगी। लेकिन अब एक बार फिर से अमेरिका और भारत के बीच यह व्यापार समझौता थोड़े समय के लिए लटक गया है।

भारत ने रूस से तेल आयात किया लगभग बंद

अमेरिका ने भारत से व्यापार समझौता करने से पहले रूस से कच्चा तेल आयात बंद करने और अमेरिका से आयात करने का दबाव बनाया था। भारत ने अमेरिकी दबाव के सामने झुकते हुए रूस से कच्चे तेल का आयात लगभग बंद कर दिया था और अमेरिका से तेल आयात को बढ़ा दिया था।

रुपये में डॉलर के मुकाबले आई गिरावट

इस वार्ता के बाद जानकारों के अनुसार सीईए की ओर से मार्च तक व्यापार समझौते की संभावना जताए जाने के बाद रुपया गिरकर 90.4825 के नए सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया। साथ ही, मेक्सिको ने कहा कि वह भारत सहित एशियाई देशों से आने वाले सामानों पर 50 प्रतिशत तक टैरिफ लगाएगा। फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी प्रमुख और कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा, “अमेरिका और जापान की दीर्घकालिक ब्याज दरें भी बढ़ी हैं और इससे रुपये को कोई मदद नहीं मिल रही है।”

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