India In UN: सिंधु जल समझौते पर दुष्प्रचार कर रहा पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल: हरीश

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India In UN: सिंधु जल समझौते पर दुष्प्रचार कर रहा पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल
  • 3 युद्ध थोपकर जल समझौते का उल्लंघन कर चुका है पाकिस्तान

India On Indus Water Treaty In UNSC, (आज समाज), न्यूयॉर्क: भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सिंधु जल समझौते पर आतंकियों के पालनहार पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में भारतीय स्थायी प्रतिनिधि पर्वथानेनी हरीश (Parvathaneni Harish) ने कहा कि पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल सिंधु जल समझौते (Indus Water Treaty) पर दुष्प्रचार कर रहा है। ‘सशस्त्र संघर्ष में जल की रक्षा-नागरिक जीवन की रक्षा’ पर अरिया फॉर्मूला बैठक में उन्होंने एक दृढ़ और स्पष्ट बयान में कहा कि भारत ने हमेशा जिम्मेदारी के साथ काम किया है।

4 दशक आतंकी हमलों में 20,000 भारतीयों की जान गई

पर्वथानेनी हरीश ने पाकिस्तान पर तथ्यों को विकृत करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, भारत ने 65 साल पहले सद्भावना और मित्रता की भावना से सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किए थे। लेकिन पाकिस्तान ने भारत पर तीन युद्ध और हजारों आतंकी हमले करके संधि की भावना का उल्लंघन किया है, जिसके परिणामस्वरूप पिछले चार दशकों में 20,000 से अधिक भारतीयों की जान चली गई।

हाल ही में पहलगाम में 26 लोगों की निर्मम हत्या कर दी

पाकिस्तान के इन हमलों में से हाल ही में पहलगाम हमला है। आतंकियों ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 पर्यटकों की निर्मम हत्या कर दी थी। इस दौरान भारत ने असाधारण धैर्य और उदारता दिखाई है। उन्होंने कहा कि भारत में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद नागरिकों के जीवन, धार्मिक सद्भाव और आर्थिक समृद्धि को
खतरे में डालता है।

65 वर्षों में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने इस बात पर जोर दिया कि पिछले 65 वर्षों में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं, जिनमें सुरक्षा संबंधी चिंताएं, स्वच्छ ऊर्जा की बढ़ती आवश्यकताएं, जलवायु परिवर्तन और जनसांख्यिकीय बदलाव शामिल हैं। इन 65 वर्षों में, न केवल सीमा पार आतंकी हमलों के माध्यम से सुरक्षा संबंधी चिंताएं बढ़ने के मामले में, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन, जलवायु परिवर्तन और जनसांख्यिकीय परिवर्तन की बढ़ती आवश्यकताओं के मामले में भी दूरगामी मौलिक परिवर्तन हुए हैं।

2012 में तुलबुल नेविगेशन परियोजना पर हमला

पर्वथानेनी हरीश ( (Parvathaneni Harish) ने कहा, बांधों के बुनियादी ढांचे के लिए प्रौद्योगिकी में बदलाव किया गया है, ताकि संचालन और जल उपयोग की सुरक्षा और दक्षता सुनिश्चित की जा सके। कुछ पुराने बांधों को गंभीर सुरक्षा चिंताओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि आतंकियों ने 2012 में जम्मू-कश्मीर में तुलबुल नेविगेशन परियोजना पर भी हमला किया था। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने कहा, ये निंदनीय कृत्य हमारी परियोजनाओं और नागरिकों के जीवन की सुरक्षा को खतरे में डालते रहते हैं।

पाकिस्तान आतंकवाद का वैश्विक केंद्र

हरीश ने कहा कि भारत ने औपचारिक रूप से पाकिस्तान से संधि में संशोधनों पर चर्चा करने के लिए कहा है, लेकिन पाकिस्तान ने इस बुनियादी ढांचे में किसी भी बदलाव और संधि के तहत अनुमत प्रावधानों में किसी भी संशोधन को लगातार अवरुद्ध करना जारी रखा है। उन्होंने कहा, इस पृष्ठभूमि के खिलाफ, भारत ने आखिरकार घोषणा की है कि जब तक पाकिस्तान- जो आतंक का वैश्विक केंद्र है, सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से समाप्त नहीं कर देता, तब तक संधि स्थगित रहेगी।

पाक को कई बार संधि के संशोधनों पर चर्चा करने के लिए कहा

भारत ने पिछले दो वर्षों में कई मौकों पर औपचारिक रूप से पाकिस्तान से संधि के संशोधनों पर चर्चा करने के लिए कहा है। हालाँकि, पाकिस्तान इनको अस्वीकार करता रहा है और पाकिस्तान का बाधा डालने वाला दृष्टिकोण भारत द्वारा वैध अधिकारों के पूर्ण उपयोग को रोकता रहा है। हरीश ने निष्कर्ष निकाला, “यह स्पष्ट है कि यह पाकिस्तान है जो सिंधु जल संधि का उल्लंघन कर रहा है। बता दें कि भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पिछले महीने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है। भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकियों पर हमले का आरोप लगाया था।

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