ICMR DG Rajeev Bahal: निपाह वायरस से संक्रमित 100 में से 40-70 लोगों की जान जाने का खतरा

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ICMR DG Rajeev Bahal
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के डीजी राजीव बहल।

Aaj Samaj (आज समाज), ICMR DG Rajeev Bahal, तिरुवनंतपुरम: केरल के कोझिकोड में बढ़ते निपाह वायरस के संक्रमण को देखते हुए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) भी हरकत में आया है। शुक्रवार को कोझिकोड में एक और व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित पाया गया, जिसके बाद यहां अब तक रिपोर्ट हुए मरीजों की संख्या छह हो गई। इनमें से दो मरीजों की मौत हो गई है। चार मरीज अभी अस्पताल में भर्ती हैं। आईसीएमआर ने इस पर चिंता जताई है। परिषद के डीजी राजीव बहल ने कहा है कि निपाह वायरस में मृत्यु दर 40-70 प्रतिशत के बीच है। मतलब साफ कि इस वायरस से संक्रमित 100 लोगों में से 40-70 लोगों की जान जाने का खतरा है।

  • निपाह को फैलने से रोकने के लिए किए जा रहे प्रयास
  • कोझिकोड में एक और मरीज मिला, कुल केस 6 हुए 

कोरोना संक्रमण में केवल 2-3 प्रतिशत थी मृत्यु दर

राजीव बहल ने कहा कि कोरोना संक्रमण में मृत्यु दर केवल 2-3 प्रतिशत थी और ऐसे में निपाह वायरस के संक्रमण की गंभीरता का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। राजीव बहल ने कहा कि परिषद की ओर से निपाह संक्रमण को फैलने से रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं। जांच में पता चला है कि जिन लोगों में निपाह वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है, वह इसके मरीज के संपर्क में आए थे।

39 वर्षीय व्यक्ति में हुई वायरस की पुष्टि

अभी तक यह पता नहीं चल पा रहा है कि केरल में ही निपाह वायरस का संक्रमण क्यों फैल रहा है? शुक्रवार को मिले निपाह वायरस के नए केस को लेकर केरल स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि 39 वर्षीय एक व्यक्ति में निपाह वायरस की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि यह व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आ गया था जिसके कारण उसमें यह वायरस फैल गया। इसके बाद राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या चार और कुल संक्रमितों की संख्या छह हो गई है।

अभी केवल 10 मरीजों के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी उपलब्ध

राजीव बहल ने बताया कि अभी तक उनके पास केवल 10 मरीजों के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी उपलब्ध है। सरकार ने मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की 20 डोज और मंगवाई हैं। मरीज को वैक्सीन की डोज संक्रमण के शुरुआती समय में दी जाती है। हालांकि अभी तक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कितनी सटीक है, इसे लेकर परीक्षण चल रहा है। अभी केवल पहले चरण के परीक्षण किए गए हैं।

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