गुरदासपुर : कालाष्टमी आज : भगवान भैरव की पूजा से मन के भय दूर होने की मान्यता

0
284
kala_ashtami
kala_ashtami

गगन बावा, गुरदासपुर :

हर महीने कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है। इसके अनुसार इस माह में कृष्ण पक्ष की कालाष्टमी 31 जुलाई को है। कृष्णपक्ष की अष्टमी को कालाष्टमी या भैरवाष्टमी के रूप मनाया जाता है। इस दिन लोग भगवान भैरव की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। इस व्रत में भगवान काल भैरव की उपासना की जाती है। उन्हें शिव का पांचवां अवतार माना गया है। इनके दो रूप हैं पहला बटुक भैरव जो भक्तों को अभय देने वाले सौम्य रूप में प्रसिद्ध हैं तो वहीं काल भैरव अपराधिक प्रवृतियों पर नियंत्रण करने वाले भयंकर दंडनायक हैं।
पूजा का महत्व :
आचार्य इंद्रदास ने बताया कि भगवान भैरव के भक्तों का अनिष्ट करने वालों को तीनों लोकों में कोई शरण नहीं दे सकता। पूजा करने से मन के भय दूर हो जाते है। काल भी इनसे भयभीत रहता है इसलिए इन्हें काल भैरव एवं हाथ में त्रिशूल, तलवार और डंडा होने के कारण इन्हें दंडपाणि भी कहा जाता है। कहते हैं काल भैरव की विधिवत पूजा करने से मन के भय दूर हो जाते हैं और सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही कालभैरव की पूजा करने वालों से नकारात्मक शक्तियां भी दूर रहती हैं। काल भैरव की पूजा करने से शनि और राहू जैसे ग्रह भी शांत हो जाते हैं। कालभैरव की पूजा करने से शत्रु बाधा और दुर्भाग्य दूर होता है और सौभाग्य जाग जाता है।
ऐसे करें पूजा :
स्नान-ध्यान के बाद भगवान भैरव को अबीर, गुलाल, चावल, फूल और सिंदूर चढ़ाएं। भगवान भैरव की कृपा पाने के लिए नीले फूल अवश्य चढ़ाएं। निश्चित रूप से भैरव कृपा होगी और मनोकामना भी पूरी होगी। मान्यता है कि काले उड़द, काले तिल और 11 रुपए काले कपड़े में रखकर भगवान भैरव को अर्पित करने से इस दिन शरीर की सारी नकारात्मकता दूर हो जाती है। आचार्य ने बताया कि कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव को नींबू की माला चढ़ाने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। कालाष्टमी पर पूजा करने से भैरव बाबा भक्त को जीवन में अपार धन, यश और सफलता देते हैं। मान्यता है कि तमाम तरह के कष्टों से मुक्ति और कालभैरव भगवान की कृपा पाने के लिए कालाष्टमी के दिन काजल और कपूर का दान करें। धन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव को चमेली का तेल और सिंदूर अर्पित करें।

SHARE