नहाते समय पानी में डूब गई थी बच्ची, गंभीर हालत में सोनीपत से रोहतक पीजीआई किया गया था रेफर
Rohtak News (आज समाज) रोहतक: हरियाणा के रोहतक स्थित पीजीआई में वेंटिलेटर न मिलने के कारण एक बच्ची की मौत होने का मामला प्रकाश में आया है। गत दिवस बच्ची नहाते समय पानी में डूब गई थी। बच्ची को इलाज के लिए सोनीपत के अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से डॉक्टरों ने बच्ची की गंभीर हालत को देखते हुए रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया। पीजीआई में बच्ची को इलाज के लिए लेकर आए परिजन रात 9 बजे तक वेंटिलेटर की तलाश में भटकते रहे, लेकिन वेंटिलेटर नहीं मिला। बच्ची जिंदगी और मौत से लड़ती रही। लेकिन आखिर में सांसों ने ही साथ छोड़ दिया। सूचना पाकर पीजीआई थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
बच्ची की मां नोनी ने बताया कि मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के ओटा पुर्वा गांव के रहने वाले है और सोनीपत में गांव रायपुर में किराए के मकान में रहते हैं। उसकी एक साल की बच्ची प्राशिता नहाते समय पानी में डूब गई थी, जिसे सोनीपत के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया। वहां से बच्ची को कल दोपहर 2 बजे पीजीआई के लिए रेफर कर दिया। इसके बाद बच्ची को गंभीर हालत में रोहतक लेकर पहुंचे, लेकिन वेंटिलेटर न मिलने के कारण बच्ची की मौत हो गई।
सोनीपत में किराए के मकान में रहता है परिवार
नोनी ने बताया कि वह गरीब परिवार से है, जिसके कारण प्राइवेट अस्पताल में बच्ची का इलाज नहीं करवा सकते थे। इसलिए बच्ची को पीजीआई लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने कहा कि बच्ची की जान बच सकती है, अगर वेंटिलेटर मिल जाए तो। लेकिन रात 9 बजे तक भी बच्ची को वेंटिलेटर नहीं मिला, जिसके कारण बच्ची की मौत हो गई।
वेंटिलेटर लेने के लिए डॉक्टर और स्टाफ के आगे हाथ जोड़े
बच्ची की मां नोनी ने बताया कि वेंटिलेटर लेने के लिए डॉक्टरों के आगे काफी मिन्नतें की। हर डॉक्टर और स्टाफ के आगे हाथ जोड़े, लेकिन वेंटिलेटर नहीं मिला। डॉक्टरों ने कहा कि किसी बड़े डॉक्टर का फोन करवा दो, वेंटिलेटर मिल जाएगा। लेकिन वह किसी को नहीं जानते, जिसके कारण बच्ची को वेंटिलेटर की सुविधा नहीं मिली। नोनी ने कहा कि पीजीआई स्टाफ के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार और इलाज की सुविधा न मिलने के कारण बच्ची की मौत हुई है। पीजीआई प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
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