गुरदासपुर: 6 साल 3 महीने में पैसे दोगुने करने का झांसा देकर पांच करोड़ 10 लाख की ठगी

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गगन बावा, गुरदासपुर:
किम इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डिवेल्पर लिमिटेड में इंन्वेस्टमेंट कर करोड़ों रुपए की ठगी मारने के आरोपी को थाना सिटी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मामले में पांच आरोपियों को नामजद किया गया था, जिनमें से एक को पकड़ लिया गया है। थाना सिटी पुलिस ने उसे अदालत में पेशकर दो दिन के रिमांड पर ले लिया है।
ऐसे मारी ठगी :
शिकायतकर्ताओं में सरबजीत सिंह पुत्र प्रतीम सिंह निवासी नौशहरा, सतरजीत सिंह पुत्र अवतार सिंह निवासी तलवंडी चुगला और मनदीप सिंह पुत्र गुलजार सिंह निवासी नौशहरा शामिल हैं। सरबजीत सिंह ने बताया कि साल 2005 में वह एलआईसी का काम करता था। इस दौरान उसकी मुलाकात मनजिन्दर सिंह पुत्र धन्ना सिंह निवासी देव नगर तिब्बड़ी रोड गुरदासपुर के साथ हुई। वह नवांशाला में दिलीप सिंह के टैंट हाउस पर आता था और नवांशाला में ही किराये के घर में रह रहा था। उसने बताया कि वह किम इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डिवेल्पर लिमिटेड नई दिल्ली में काम करता है और कंपनी का दफ्तर अमृतसर में है। उसने कहा कि कंपनी जमाकर्ता को सस्ते फ्लैट और प्लाट देती है। ग्राहक चाहे तो छह साल तीन महीने में पैसे दुगने भी ले सकता है।
स्कीमों से प्रभावित हो पैसा लगाया :
कंपनी की स्कीमों से प्रभावित होकर उसने एक लाख रुपये जमा करवा दिए। इस पर कंपनी ने उसे आगे काम करने के लिए कोड जारी किया। इसके बाद उसने अपने रिश्तेदारों और परिचितों से पैसे लेकर कंपनी में जमा करवाने शुरू कर दिए। साल 2018 तक उसने अपनी पत्नी कुलविन्दर कौर, बेटी अमनदीप कौर और बेटे रणदीप सिंह के नाम पर कुल 8 लाख 16 हजार 800 रुपये और पिता प्रीतम सिंह व मां सुरजीत कौर के नाम पर 9 लाख रुपये जमा करवा दिए। इसके अलावा अपने भाई मलकीत सिंह और उसके परिवार के नाम पर 9 लाख 25 हजार 335 रुपये आरडी और एफडी में जमा करवाए। इसके बाद वह कंपनी के साथ लगातार काम करता रहा और कुछ ही समय में उसने कंपनी के पास दो करोड़ 25 लाख 79 हजार 135 रुपये जमा करवा दिए। यह सारा पैसा अलग अलग समय पर किश्तों के माध्यम से कंपनी के इंप्रूवमेंट ट्रस्ट, कलानौर रोड स्थित दफ्तर में जमा करवाया गया। साल 2018 में ही कंपनी के सभी दफ्तर बंद हो गए और निवेश किया गया पैसा वापस नहीं दिया गया।
इसी तरह सतरजीत सिंह पुत्र अवतार सिंह ने बताया कि वह नवांशाला फौजी कालोनी में रहता है। मनजिन्दर सिंह उसका पड़ोसी था। मनजिन्दर सिंह ने उसे झांसे में लेकर करीब दो करोड़ आठ लाख 7575 रुपये आरडी और एफडी में जमा करवा लिए।
इसी तरह मनदीप सिंह पुत्र गुलजार सिंह निवासी नौशहरा ने बताया कि वह सेहत विभाग जिला होशियारपुर में नौकरी करता था। साल 2007 में उसने गुरु नानक क्लीनिक नवां शाला में काम करना शुरू कर दिया। वहां उसकी मुलाकात मनजिन्दर सिंह के साथ हुई, जिसने उसे कंपनी में पैसे इन्वेस्ट करने के लिए कहा। कंपनी की ओर से उसकी पत्नी सुरिन्दर कौर के नाम पर एजेंट कोड जारी किया गया। उसने अपने रिश्तेदारों और परिचितों से 76 लाख 78 हजार 250 रुपये उक्त कंपनी में जमा करवाए। इसके चलते मनजिन्दर सिंह ने तीनों पीड़ितों से 5 करोड़ 10 लाख 64 हजार 960 रुपये की ठगी की है। थाना सिटी पुलिस ने पीड़ितों के बयान लेने के बाद आरोपी रविन्दर सिंह पुत्र अवतार सिंह निवासी लुधियाना, कमलजीत सिंह निवासी एसएएस नगर, मनजिन्दर सिंह निवासी लुधियाना, गुरदीप सिंह निवासी अमृतसर और अरुण कुमार निवासी नई दिल्ली के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया था। इनमें से पुलिस ने मनजिन्दर सिंह को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेशकर उसे दो दिन के रिमांड पर ले लिया है।
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