Former PM Manmohan Singh: रूस-यूक्रेन जंग पर शांति की अपील पीएम मोदी का सही कदम

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Former PM Manmohan Singh

Aaj Samaj (आज समाज), Former PM Manmohan Singh, नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर केंद्र की मोदी सरकार के रुख का समर्थन किया है। जी-20 की बैठक से पहले एक इंटरव्यू में दोनों देशों के बीच डेढ़ साल से ज्यादा समय से जारी जंग के बीच भारत सरकार की सख्त कूटनीतिक स्थिति से निपटने पर उन्होंने कहा कि केंद्र ने जंग के दौरान शांति की अपील करके बेहतर काम किया है। 90 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि जब दो या दो से अधिक देशों में लड़ाई हो जाती है तो अन्य देशों पर पक्ष चुनने का दबाव होता है। उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि भारत ने शांति की अपील कर हमारे संप्रभु और आर्थिक हितों को प्राथमिकता देकर सही काम किया है।

  • केंद्र ने अपने संप्रभु व आर्थिक हितों को पहले स्थान पर रखा 

जी20 की अध्यक्षता मिलना खुशी की बात

मनमोहन ने कहा, मुझे इस बात की बेहद ज्यादा खुशी है कि भारत को जी-20 की अध्यक्षता मेरे जीवनकाल में मिली और मैं जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत द्वारा विश्व नेताओं की मेजबानी करने का गवाह बनूंगा। पूर्व पीएम ने कहा, उनके समय में विदेश नीति घरेलू राजनीति से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई थी। उन्होंने बताया कि विदेश नीति हमेशा से भारत के गवर्नेंस फ्रेमवर्क का एक महत्वपूर्ण तत्व रही है, लेकिन यह कहना उचित है कि यह आज घरेलू राजनीति के लिए पहले की तुलना में और ज्यादा उचित और महत्वपूर्ण हो गई है, जबकि दुनिया में भारत की स्थिति घरेलू राजनीति में एक मुद्दा होना चाहिए।

जी-20 के लिए सुरक्षा मतभेदों को दूर रखना महत्वपूर्ण

पूर्व पीएम ने कहा कि पार्टी या व्यक्तिगत राजनीति के लिए कूटनीति और विदेश नीति का उपयोग करने में संयम बरतना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। मनमोहन ने कहा कि सुरक्षा संबंधी विवादों को निपटाने के मंच के रूप में जी-20 की कभी कल्पना नहीं की गई थी। उन्होंने कहा, जी-20 के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह सुरक्षा मतभेदों को दूर रखे और असमानता, जलवायु व वैश्विक व्यापार में विश्वास की चुनौतियों से निपटने के लिए नीति समन्वय पर अपना फोकस करे।

जिनपिंग का सम्मेलन में न आना दुर्भाग्यपूर्ण

चीन के संबंधों और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल न होने पर पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिनपिंग ने जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेने का फैसला किया है। मनमोहन ने कहा, हालांकि उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की क्षेत्रीय और संप्रभु अखंडता की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे। साथ ही उन्होंने सरकार को कोई सलाह देने से मना कर दिया। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि जटिल राजनयिक मामलों को संभालने के तरीके पर प्रधानमंत्री को सलाह देना मेरे लिए सही नहीं है।

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