Field force deployed for Street Child: सडकों पर रहने वाले बच्चों के लिए सरकार ने तैनात की फील्ड फोर्स

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Field force deployed for Street Child

शैक्षिक, वित्तीय और अभिभावक सहायता प्रदान करने पर करेगी ध्यान केंद्रित Field force deployed for Street Child

आज समाज डिजिटल, नई दिल्लीः
Field force deployed for Street Child: सड़कों पर रहने वाले बच्चों के पुनर्वास के लिए सरकार ने फील्ड टास्क फोर्स तैनात की है। टास्क फोर्स सड़कों पर रहने वाले बच्चों की पहचान कर शैक्षिक, वित्तीय और अभिभावक सहायता प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेगी।

केजरीवाल सरकार ने बेघर और सड़कों पर रहने वाले बच्चों की देखभाल के उद्देश्य से एक व्यापक योजना तैयार की

गुरुवार को इसकी जानकारी देते हुए डीडीसी के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में बेघर और सड़कों पर रहने वाले बच्चों की देखभाल के उद्देश्य से एक व्यापक योजना तैयार की है। केजरीवाल सरकार ऐसे बच्चों के लिए 10 करोड़ रुपए की लागत से एक आवासीय स्कूल बनाएगी।  दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष अनुराग कुंडु ने कहा कि सड़कों पर भीख मांगने, सामान बेचने और रेड लाइट पर अपना दिन बिताने वाले बच्चों के शोषण का गंभीर खतरा है। दिल्ली के डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन (डीडीसीडी) के सहयोग से दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) ने सलाम बालक ट्रस्ट और यूथ रीच के सहयोग से एक योजना शुरू की है, ताकि सड़क पर मौजूद बच्चों का पुनर्वास के लिए एक फील्ड टास्क फोर्स की तैनाती की जा सके।

बच्चों के जीवन स्तर को ऊपर उठाना योजना का उद्देश्य

शाह ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य सड़क पर रहने वाले बच्चों के जीवन स्तर को ऊपर उठाना है। जिससे की इन हालात का मुकाबला कर कमजोर बच्चों को जिम्मेदार नागरिकों के रूप में विकसित करने में मदद की जा सके। टास्क फोर्स सड़क पर रहने वाले बच्चों की पहचान कर शैक्षिक, वित्तीय और अभिभावक सहायता प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेगी। सरकार द्वारा आवासीय विद्यालयों के जरिए सड़क पर रहने वाले बच्चों को सीखने एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करने की योजना को और मजबूत किया जाएगा।

बजट में आवासीय स्कूल बनाने के लिए 10 करोड़ का अलग से प्रावधान

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सरकार ने दिल्ली में बेघर और सड़कों पर रहने वाले बच्चों की देखभाल के उद्देश्य से एक व्यापक योजना विकसित की है। इस साल के बजट में एक आवासीय स्कूल बनाने के लिए 10 करोड़ रुपये का अलग से प्रावधान किया गया है। यह स्कूल न केवल शिक्षा प्रदान करेगा बल्कि कमजोर बच्चों को भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक सहायता भी प्रदान करेगा। इस टास्क फोर्स को शुरू करके हम इन बच्चों को शिक्षा, वित्तीय सहायता और संरक्षण सहित बुनियादी सुविधाएं प्रदान कर पाएंगे।

बच्चे स्कूलों में जाने और सोने के लिए सुरक्षित जगह पाने के हकदारः कुंडू

दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष अनुराग कुंडू ने कहा कि सड़कों पर भीख मांगने, सामान बेचने और रेड लाइट पर अपना दिन बिताने वाले बच्चों के शोषण का एक गंभीर खतरा है। यह बच्चे स्कूलों में जाने और सोने के लिए सुरक्षित जगह पाने के हकदार हैं। इस योजना की शुरुआत के साथ आयोग सड़कों पर रहने वाले बच्चों की पहचान, रोकथाम और राहत के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली, डीसीपीसीआर की 24 गुण 7 आपातकालीन हेल्पलाइन सहित एक व्यापक तंत्र शुरू कर रहा है। इन पहल के जरिए हम ऐसे सभी बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि हम दिल्ली के सभी नागरिकों से अपील करते हैं कि सड़कों पर दिन गुजारने वाले बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए हमारे साथ आएं। सड़कों पर ऐसे बच्चे नजर आने पर हेल्पलाइन नंबर 9311551393 पर सूचना दें।
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