महिलाओं के लिए खास क्यों हरियाली तीज

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Why Hariyali Teej is Special for Women
Why Hariyali Teej is Special for Women

आज समाज डिजिटल, Teej Festival:
हरियाली तीज श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है। इस दिन महिलाओं के लिए कुछ खास होता है। सुहागन महिलाएं इस दिन व्रत रखती है। चारों ओर हरियाली होने के कारण ही इसे हरियाली तीज के नाम से जाना जाता है। हरियाली तीज आस्था, उमंग, सौंदर्य और प्रेम के साथ – साथ शिव पार्वती का प्रतीक माना जाता है।

सुहाग का प्रतीक चिन्ह

Why Hariyali Teej is Special for Women
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हरियाली तीज के दिन महिलाएं व्रत रखती है और सोलह शृंगार करना चाहिए। इस दिन महिलाएं हाथों व पैरों में मेहंदी लगाती है। मेहंदी सुहाग का प्रतीक चिन्ह माना जाता है। इसलिए सुहाग महिलाएं मेहंदी अवश्य लगाती है। मेंहदी शीतल प्रकृति प्रेम और उमंग का प्रतीक माना जाता है, साथ ही इस दिन हरे रंग का विशेष महत्व होता है। इस व्रत पर अपनी सास व अपने से बड़ी सुहागिन को वस्त्र, हरी चूड़ियां, शृंगार का सामान और मिठाइयां आदि दिया जाता है। इन सब चीजों को देने का अर्थ माना जाता है कि हमारा सुहाग और शृंगार बना रहे।

पूजा का विशेष महत्व

Why Hariyali Teej is Special for Women
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हरियाली तीज के दिन मां गौरी और शिव जी की पूजा करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। हरियाली तीज को मधुश्रवा तीज भी कहते हैं। सुहागिन महिलाएं व विवाह योग्य कन्याओं को व्रत रखने से जीवन में सुख-समृद्धि सम्मान प्राप्त होता है। इस दिन स्वर्ण गौरी व्रत भी रखे जाते हैं जो सौभाग्यवती महिलाओं के लिए बहुत लाभदायक है।

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