अक्षय तृतीया का अर्थ, शुभ मुहूर्त और संयोग

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अक्षय तृतीया का अर्थ, शुभ मुहूर्त और संयोग
अक्षय तृतीया का अर्थ, शुभ मुहूर्त और संयोग

आज समाज डिजिटल, अम्बाला :

आज अक्षय तृतीया मनाई जा रही है। हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। मांगलिक कार्यों के लिए इस तिथि को बहुत शुभ माना जाता है। लोग अक्षय तृतीया के दिन विवाह, गृह प्रवेश, नया व्यापार, धार्मिक अनुष्ठान और पूजा-पाठ आदि करते हैं।

अक्षय तृतीया का अर्थ, शुभ मुहूर्त और संयोग
अक्षय तृतीया का अर्थ, शुभ मुहूर्त और संयोग

वहीं सोना खरीदने के लिए ये तिथि शुभ मानी जाती है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से उनकी असीम कृपा बरसती है। जीवन धन-धान्य से भरा रहता है। इस दिन प्रात: काल स्नान करके मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने से घर में समृद्धि आती है। अक्षय तृतीया पर कुछ उपाय भी बेहद शुभ फल देने वाले होते हैं।

अक्षय तृतीया का अर्थ 

अक्षय तृतीया का अर्थ, शुभ मुहूर्त और संयोग
अक्षय तृतीया का अर्थ, शुभ मुहूर्त और संयोग

बता दें कि अक्षय तृतीया एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है- अक्षय यानी सुख, सफलता, आनंद की कभी कमी न हो और तृतीया यानी तीन।

अक्षय तृतीया के दिन मांगलिक काम करना काफी शुभ माना जाता है। इसके अलावा इस दिन वाहन, प्रॉपर्टी आदि के अलावा सोना खरीदना काफी शुभ माना जाता है। सोने का खरीदना का अर्थ है कि आने वाला पूरा साल धन और सौभाग्य की प्राप्ति हो। जानिए अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व।

अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त

  • तृतीया तिथि आरंभ – 03 मई, मंगलवार को सुबह 05:20 बजे से शुरू
  • अक्षय तृतीया समाप्त- 04 मई को सुबह 07:30 बजे तक
  • पूजा का शुभ मुहूर्त- 3 मई सुबह 05:39 बजे से लेकर दोपहर 12:18 बजे तक।

अक्षय तृतीया पर बन रहा खास संयोग

इस साल अक्षय तृतीया पर काफी खास संयोग बन रहा है। जो करीब पांच दशक बाद बन रहा है। दरअसल, इस बार अक्षय तृतीया के दिन रोहिणी नक्षत्र के साथ शोभन योग भी बन रहा है। इसके साथ ही अक्षय तृतीया मंगलवार के दिन होने के कारण रोहिणी योग का निर्माण कर रहा है। इसके अलावा चंद्रमा और सूर्य उच्च राशि में विराजमान है। जहां चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में होंगे और वहीं शुक्र अपनी उच्च राशि मीन राशि में होंगे। इतना ही नहीं गुरु अपनी स्वराशि मीन में और शनि अनी स्वराशि कुंभ में होंगे। ऐसे दुर्लभ संयोग करीब 50 साल बाद हो रहे है। यह संयोग काफी मंगलकारी माना जा रहा है।

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