पाला पड़ने से किसानों को सताने लगी फसल खराब होने की चिंता

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Farmers started worrying about crop failure due to frost
Farmers started worrying about crop failure due to frost
  • महेंद्रगढ़ में दिन का मौसम साफ, रात के तापमान में गिरावट
  • आगामी 3-4 में बढ़ेगा सर्दी का प्रकोप
    नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
    जिला महेंद्रगढ़ में सर्दी के कारण पाला पड़ने से किसानों को फसल खराब होने की चिंता सताने लगी है। हालांकि कृषि विभाग द्वारा फसल को पाले से बचाने के लिए लगातार एडवाइजरी जारी की जा रही है। पिछले दो दिनों से कोहरा नहीं पड़ने के कारण अब फसलों में पाला पड़ने लगा है। महेंद्रगढ़ सहित आसपास के क्षेत्र में दिन का मौसम तो साफ रहता है। लेकिन दिन ढलते ही मौसम भी बदलने लगता है। जिसके चलते क्षेत्र के गांवों में आज खेतों में काम करने वाले किसानों के कपड़ों पर भी बर्फ जम गई।

3 से 4 दिन और बढ़ेगा सर्दी का प्रकोप

मौसम विभाग के अनुसार बता दें कि अभी क्षेत्र में 18 से 19 जनवरी तक सर्दी का प्रकोप जारी रहेगा। वहीं मौसम विभाग के अनुसार दिन का अधिकतम तापमान 17 बताया जा रहा है, न्यूनतम तामपान 2 डिग्री तक बताया जा रहा है। हालांकि विभाग ने बताया कि आगामी 3 से 4 दिनों तक शीतलहर के कारण लोगों को भीषण सर्दी का अहसास होगा।

पाला पड़ने की प्रक्रिया :-

डॉ. दिवेश चौधरी, कृषि मौसम विशेषज्ञ, डी.ए.एम.यू., कृषि विज्ञान केंद्र, महेंद्रगढ़ ने जानकारी देते हुए बताया कि सर्द मौसम में जब तापमान हिमांक पर या इससे नीचे चला जाता है तब वायु में उपस्तिथ जलवाष्प द्रव रूप में परिवर्तित न होकर सीधे ही सूक्ष्म हिमकणों में परिवर्तित हो जाते हैं। इसे ही पाला पड़ना या बर्फ जमना कहा जाता है। दोपहर बाद हवा के न चलने तथा रात में आसमान साफ रहने पर पाला पड़ने की संभावना ज्यादा रहती है। राज्य में पाला आमतौर पर दिसम्बर से फरवरी के महीने में ही पड़ने की संभावना बनी रहती है। पाले के कारण फसलों, सब्जियों, छोटे फलदार पौधों व नर्सरी पर इसका हानिकारक प्रभाव पड़ता है । फसलों, सब्जियों व छोटे फलदार तनों, फूलों एवं फलों में उपस्तिथ द्रव बर्फ के रूप में जम जाता है तथा ये पौधों की कोशिकाओं को नष्ठ कर देते है तथा पतियों को झुलसा देता है।

पाले से फसलों का ऐसे करे बचाव :-

Farmers started worrying about crop failure due to frost
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पाले का हानिकारक प्रभाव अगेती सरसों, सब्जियों की फसल आलू, मिर्च, टमाटर, बैंगन, नर्सरी तथा छोटे फलदार पौधों पर पड़ सकता है। इससे बचाव के लिए किसान यदि पानी उपलब्ध हो तो विशेषकर उपर लिखित फसलों, सब्जियों व फलदार पौधों में सिंचाई करें ताकि जमीन का तापमान बढ़ सके। किसान खेत के किनारे पर तथा 15 से 20 फीट की दूरी के अंतराल पर जिस ओर से हवा आ रही है रात्रि के समय कूड़ा कचरा सुखी घास आदि को एकत्रित कर धुआं करना चाहिए ताकि वातावरण का तापमान बढ़ सके जिससे पाले का हानिकारक प्रभाव न पड़े। सीमित क्षेत्र में लगी हुई फल व सब्जियों की नर्सरी को टाट, पॉलीथिन व भूसे से ढके। इन उपायों से फसलों, सब्जियों व फलदार पौधों को पाले से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है।

10 दिन के तापमान का पूर्वानुमान

16 जनवरी : अधिकतम 17, न्यूनतम 3 डिग्री
17 जनवरी : अधिकतम 17, न्यूनतम 2 डिग्री
18 जनवरी : अधिकतम 17, न्यूनतम 2 डिग्री
19 जनवरी : अधिकतम 17, न्यूनतम 5 डिग्री
20 जनवरी : अधिकतम 18, न्यूनतम 7 डिग्री
21 जनवरी : अधिकतम 20, न्यूनतम 7 डिग्री
22 जनवरी : अधिकतम 21 न्यूनतम 10 डिग्री
23 जनवरी : अधिकतम 21, न्यूनतम 8 डिग्री
24 जनवरी : अधिकतम 18, न्यूनतम 8 डिग्री
25 जनवरी : अधिकतम 17, न्यूनतम 7 डिग्री

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