अकबर-बीरबल की कहानी: बुद्धि से भरा बर्तन Pot Of Wisdom

0
569
Pot Of Wisdom

आज समाज डिजिटल, अम्बाला
Pot Of Wisdom : एक बार राजा अकबर व बीरबल के बीच मनमुटाव हो गया, जिससे राजा ने बीरबल को राज्य से दूर जाने की सजा दे दी। ऐसी परिस्थिति में बीरबल ने हार न मानी। बीरबल ने पास गांव जाकर वेश बदलकर खेती करना शुरू किया। अब वह एक किसान के रूप में जीवन गुजारने लगे।

दिनचर्या में बीरबल को याद करने लगे Pot Of Wisdom

शुरू में तो राजा अकबर के लिए सब कुछ सामान्य सा था, लेकिन कुछ ही दिन बीते थे कि राजा को अपनी गलती का एहसास होने लगा। वह अपनी दैनिक दिनचर्या में बीरबल को याद करने लगे थे। जब भी उनके समक्ष कोई मुश्किल परेशानी आती तो उन्हें बीरबल की कमी खूब खलती थी। जब एक दिन राजा अकबर से रहा न गया। उन्होंने सेनापति को बुलाया और बीरबल को ढूंढने का आदेश दिया। राजा की आज्ञा पाकर हर गांव, हर गली में बीरबल की खोज शुरू की गई। सभी सैनिकों ने हर एक कोना छान मारा, लेकिन वे बीरबल को ढूंढ न सके।

Read Also : अकबर-बीरबल की कहानी : बीरबल की योग्यता Birbal’s Qualification

गांव के मुखिया को संदेश भेजा जाए Pot Of Wisdom 

Pot Of Wisdom

इस बात की जानकारी मिली तो राजा जी बड़े निराश हुए। अचानक राजा के मन में उपाय आया। उन्होंने आदेश दिया कि सभी गांव के मुखिया को संदेश भेजा जाए कि उन सभी को एक बर्तन के अंदर बुद्धि डालकर राजा को भेजना होगा। जो भी इस आदेश को पूरा नहीं करेगा, उसे इसके बदले एक बर्तन में हीरे जवाहरात भरकर राजा को भेजना पड़ेगा। सभी गांववासी राजा के अजीबो-गरीब आदेश से परेशान थे।

Read Also : अकबर-बीरबल की कहानी : सारा जग बेईमान Whole World Dishonest

बुद्धि को किस तरह एक बर्तन में भरा जाए Pot Of Wisdom

Pot Of Wisdom

सभी यह सोचकर हैरान थे कि बुद्धि को किस तरह एक बर्तन में भरा जाए। बुद्धि तो सभी के पास उपलब्ध थी, लेकिन उसे किस तरह एक बर्तन में डालना है, यह सोचकर सभी परेशानी में थे। ऐसा न कर पाने की अवस्था में उन्हें उसी बर्तन को कीमती हीरे-जेवरों से भरना था, जो कि इससे भी बड़ी समस्या थी। राजा का यह आदेश चर्चा का विषय बना हुआ था। गांव के सभी बड़े-बुज़ुर्ग निराश होकर बैठे हुए थे कि वहां बीरबल आए और उन्होंने कहा कि वह इस समस्या का समाधान निकाल सकते हैं।

बीरबल ने तरबूज के पौधे की बेल को बर्तन में डाला Pot Of Wisdom

पहले तो किसी को भी इस बात का यकीन नहीं हुआ, लेकिन उनके पास बीरबल पर विश्वास करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था। गांव में तरबूज़ की फसल उगाने का समय था। बीरबल ने तरबूज के पौधे की एक बेल को एक बर्तन में डाला। धीरे-धीरे उस बेल में तरबूज का फल लगने लगा और समय के साथ ही तरबूज़ ने बर्तन का आकार ले लिया। जैसे ही बर्तन तरबूज़ से पूरा भर गया, बीरबल ने बेल को फल से अलग किया और उस बर्तन को तरबूज़ समेत राजा के दरबार में भिजवा दिया।

Read Also : अकबर-बीरबल: लहरें गिनना Counting Waves

ऐसा विचार केवल बीरबल का ही हो सकता है Pot Of Wisdom

साथ में यह संदेश भी भेज कि उस बर्तन के अंदर बुद्धि भरी है और राजा को बर्तन को बिना तोड़े ही बुद्धि को निकालना होगा। राजा ने तरबूज़ से भरा हुआ बर्तन देखा व उसे निकालने की शर्त सुनी तो उन्हें यकीन हो गया कि ऐसा विचार केवल बीरबल का ही हो सकता है। उन्होंने जल्दी से अपना घोड़ा मंगवाया और बीरबल को अपने साथ वापिस लाने के लिए गांव की ओर चल दिए।

शिक्षा : हर मुश्किल सवाल का कोई न कोई जवाब जरूर होता है।

Read Also : अकबर-बीरबल : स्वर्ग की यात्रा Journey To Heaven

Read Also : गर्मियों में हेल्दी और फिट रहने के टिप्स Healthy And Fit In Summer

Connect With Us : Twitter Facebook

SHARE
SHARE