हरियाणा में बिजली संकट, ये है वजह Electricity Crisis In Haryana

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आज समाज डिजिटल, अंबाला:
Electricity Crisis In Haryana: प्रदेश में गर्मी बढ़ने के साथ-साथ बिजली की आंखमिचौनी भी शुरू हो गई है। यदि बात करें गुरुग्राम, पानीपत, फरीदाबाद, सोनीपत, हिसार और रोहतक समेत बहादुरगढ़ की तो यहां हालात ज्यादा ही गंभीर हैं। चूंकि ये औद्योगिक क्षेत्र हैं, इसलिए यहां बिजली कट का अधिक नुकसान के कयास लगाए जा रहे हैं।

8 हजार मेगावाट तक पहुंची बिजली की मांग Electricity Crisis In Haryana

इन औद्योगिक इलाकों में मजबूरी में जनरेटर चलाने पड़ रहे हैं। समय से पहले गर्मी की शुरुआत से हरियाणा में अप्रैल माह में बिजली की मांग लगभग 30 फीसद बढ़ी है। घरेलू बिजली की मांग पूरी करने के लिए सरकार ने उद्योगों में कट लगाने शुरू कर दिए हैं। दूसरी ओर बिजली कटौती से उद्योगपतियों की परेशानी बढ़ गई है। ये कट भी तीन से चार घंटे के हैं। बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अप्रैल में औसतन बिजली की मांग 7 से 8 हजार मेगावाट तक पहुंच गई है। जो पिछले वर्ष तक 6 हजार मेगावाट ही रहती थी।

विपक्ष ने शुरू किया घेरना Electricity Crisis In Haryana

यह मांग भी अभी थमी नहीं है। दिन-प्रतिदिन ये मांग और बढ़ रही है। करीब 1500 मेगावाट के अंतर को पाटने के लिए उद्योगों पर तीन से चार घंटे के कट लगाने शुरू कर दिए हैं। समस्या के समाधान के लिए सरकार प्रयासरत है। तमाम कोशिशों के बावजूद बिजली नहीं मिल पाने पर अब मौसम से राहत की उम्मीद है। विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस के भूपेंद्र हुड्डा ने गुरुवार को रोहतक में कहा कि उनके कार्यकाल में कभी बिजली संकट पैदा नहीं हुआ। प्रदेश में चार नए पावर प्लांट व एक न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाया था।

कारण: क्षमता के अनुसार नहीं हो रहा बिजली उत्पादन Electricity Crisis In Haryana

हरियाणा की उत्पादन क्षमता इतनी है कि वह अन्य राज्यों को भी बिजली दे सकता है। सरकार क्षमता के मुताबिक पावर प्लांट से उत्पादन नहीं कर पा रही है। इस वजह से प्रदेश को बिजली का संकट झेलना पड़ रहा है।

मजबूरी में करनी पड़ रही वैकल्पिक व्यवस्था Electricity Crisis In Haryana

उद्योगों में बिजली कट से गुरुग्राम, फरीदाबाद, पानीपत, सोनीपत, हिसार और रोहतक समेत औद्योगिक क्षेत्र में उत्पादन पर प्रभाव पड़ रहा है। मजबूरी में जेनरेटर चलाने पड़ रहे हैं। बिजली विभाग के अनुसार इस समय उद्योगों को 365 लाख यूनिट बिजली सप्लाई दी जा रही है। घरेलू उपभोक्ताओं को 419 लाख यूनिट और शहरी को 542 लाख यूनिट बिजली आपूर्ति की जा रही है।

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