भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता न होने से हताश दिखे विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक
Business News Today (आज समाज), बिजनेस डेस्क : अमेरिका द्वारा भारत के खिलाफ लगाए गए नए टैरिफ का असर दिखाई देना शुरू हो चुका है। हालांकि टैरिफ की नई दरें अमेरिका 7 अगस्त से वसूलना शुरू करेगा। लेकिन भारतीय शेयर बाजार पर इसका असर दिखाई देना शुरू हो चुका है। एक तरफ जहां अमेरिकी राष्टÑपति की टैरिफ संबंधी घोषणा के बाद भारतीय शेयर बाजार गुरुवार और शुक्रवार को कुल मिलाकर 800 से ज्यादा अंक टूटा वहीं विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) ने जुलाई में भारतीय बाजारों से कुल 17,741 करोड़ रुपये निकाले।
28 जुलाई से 1 अगस्त के बीच रुपये निकाले
एनएसडीएल के आंकड़ों से यह जानकारी मिली हैं। अप्रैल, मई और जून के दौरान लगातार तीन महीनों के सकारात्मक निवेश के बाद यह एफपीआई द्वारा नकारात्मक निवेश का पहला महीना है। जुलाई के आखिरी हफ्ते में अचानाक हुई बिकवाली के चलते धारणा में यह भारी बदलाव आया। 28 जुलाई से 1 अगस्त के बीच, विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों से 17,390.6 करोड़ रुपये निकाले। इससे कुल मासिक आंकड़ों पर गहरा असर पड़ा और जुलाई का निवेश नकारात्मक दायरे में चला गया। यह बिकवाली दबाव मुख्य रूप से अमेरिका की ओर से लगाए गए ने टैरिफ शुल्कों के कारण है। इसका असर कई अन्य देशों के साथ भारत पर भी भारी पड़ा। जुलाई में हुई हालिया बिकवाली के साथ, कैलेंडर वर्ष 2025 में एफपीआई द्वारा कुल शुद्ध बहिर्वाह अब 1,01,795 करोड़ रुपये को पार कर गया है।
भारतीय शेयर बाजार की नकारात्मक क्लोजिंग
अमेरिकी राष्टÑपति द्वारा टैरिफ को लेकर भारत के खिलाफ सख्त रुख एख्तियार करने की घोषणा के बाद भारतीय शेयर बाजार ने एक बार फिर से निराशाजनक साप्ताहिक क्लोजिंग की। गुरुवार को जहां शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई थी वहीं हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को शेयर बाजार लाल निशान पर बंद हुआ। बेंचमार्क सूचकांक और निफ्टी में करीब एक प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 585.67 अंक या 0.72 प्रतिशत गिरकर 80,599.91 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 690.01 अंक या 0.84 प्रतिशत गिरकर 80,495.57 अंक पर आ गया। वहीं, एनएसई निफ्टी 203.0 अंक या 0.82 प्रतिशत गिरकर 24,565.35 अंक पर बंद हुआ।
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