Deployment of additional jawans in Kashmir, Mehbooba said there was no shortage of security forces in Kashmir: कश्मीर में अतिरिक्त जवानों की तैनाती, महबूबा ने कहा कश्मीर में सुरक्षा बलों की कोई कमी नहीं

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जम्मू। केंद्र ने जम्मू-कश्मीर में 100 कंपनियां बढ़ाने का फैसला किया है। केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती एक बार फिर केंद्र के इस फैसले को लेकर खुश नहीं नजर आ रहीं हैं। उन्होंने कश्मीर में सुरक्षा बल और बढ़ाने पर आपत्ति जाहिर की है। उन्होंने शनिवार को इस मुद्दे पर ट्वीट कर कहा कि ‘घाटी में 10 हजार सैनिकों को तैनात करने के केंद्र के फैसले ने लोगों में भय पैदा कर दिया है। कश्मीर में सुरक्षा बलों की कोई कमी नहीं है। जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक समस्या है जो सैन्य साधनों से हल नहीं होगी। केंद्र सरकार को अपनी नीति पर पुनर्विचार और सुधार करने की आवश्यकता है।’

गौरतलब है कि एनएसए अजीत डोभाल जम्मू-कश्मीर के मिशन पर तैनात किया गया है। इसके तुरंत बाद कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती की गई है। इनमें से कुछ कंपनियां घाटी पहुंच चुकी हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती को मंजूरी दी है। अन्य कंपनियां जल्द से जल्द घाटी पहुंचेंगी। आदेश के अनुसार, इन 100 कंपनियों में सीआरपीएफ की 50, बीएसएफ-10, एसएसबी-30 और आईटीबीपी की 10 कंपनियां है। हर एक कंपनी में 90 से 100 कर्मी मौजूद रहते हैं। सीआरपीएफ की आने वाली 50 कंपनियों में से नौ कंपनियां दिल्ली में संसदीय चुनाव और कांवड़िया ड्यूटी के लिए लगी हुई हैं। इनकी जगह बीएसएफ की 9 कंपनियां लगाई गई हैं। इस तरह से सुरक्षाबलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों को कश्मीर भेजने के पीछे कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि कश्मीर में आतंकवाद से लड़ने और कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सुरक्षाबलों की अतिरिक्त कंपनियां भेजे जाने को मंजूरी दी गई है। राज्य पुलिस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से अतिरिक्त कंपनियों की मांग की थी। इस मंजूरी से संबंधित एक आदेश सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।
बताया जा रहा है कि जल्द ही 35 ए पर केंद्र सरकार फैसाल ले सकती है। अभी अमरनाथ यात्रा चल रही है और तब तक संसद का सत्र भी समाप्त हो जाएगा। अनुच्छेद 35ए को राष्ट्रपति के आदेश के तहत रियासत में लागू किया गया था। इसलिए इसे राष्ट्रपति के आदेश से समाप्त किया जा सकता है। इसे हटाने से घाटी में हिंसा होने की संभावना है। जिसकी वजह से घाटी में कानून-व्यवस्था पर खतरा हो सकता है इसलिए अतिरिक्त फोर्स की तैनाती का फैसला किया गया है। बता दें कि 35 ए अनुच्छेद गैर रियासती लोगों को राज्य में अचल संपत्ति खरीदने, स्थायी तौर पर बसने और राज्य सरकार के अधीन किसी विभाग में नौकरी के अधिकार से वंचित करता है। यह अनुच्छेद राज्य विधानसभा को यहां के नागरिकों के लिए राज्य की स्थायी नागरिकता, उनके लिए राज्य सरकार के अधीनस्थ नौकरियां व अन्य विशेषाधिकारों को यकीनी बनाने का अधिकार देता है। इस अनुच्छेद को समाप्त करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में कई जनहित याचिकाएं भी विचाराधीन है।

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