खसरा व गलघोटू पसार रहा पैर, खसरा और एक गलघोटू की पुष्टि

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Confirmation of measles and a galghotu

जिले में खसरा के 47 संदिग्ध मामले

कृष्ण आर्य,पुन्हाना:

कोरोना काल मे बच्चों का कम टीकाकरण का असर दिखाई देने लगा है। बच्चों में खसरा व गलघोटू जैसी जानलेवा बीमारी पैर पसारने लगी है। विभाग के आंकड़ों के अनुसार अकेले मरोड़ा पीएचसी के अंतर्गत दो खसरा और एक गलघोटु की पुष्टि हो चुकी है जबकि जिले में 47 संदिग्ध मामले सामने आए है जिनकी जांच की जा रही है।

जांच के लिए करीब 50 टीमें लगाई गई : डॉक्टर बसंत दुबे

डिप्टी सिविल सर्जन डॉ बसंत दुबे ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते पिछले 2 साल में नियमित टीकाकरण में करीब 24 फीसदी की कमी आई है जिससे गलघोटू और खसरा के मरीजों की संख्या बढ़ने की संभावना है। इससे पहले जिले मेंं 73 फीसदी टीकाकरण होना था लेकिन कोरोना के चलते 49 फीसदी ही टीकाकरण हो सका है। उन्होंने बताया कि मेवात के मरोड़ा पीएचसी के अंतर्गत खसरा के दो केस की पुष्टि की गई है जो ढाढोली गांव के है।

फिरोजपुर नमक में गलघोटू का एक केस मिला

जबकि फिरोजपुर नमक में गलघोटू का एक केस मिला है,खसरा के 47 कैस सम्भावित है जिनमे से दो केसों की स्वास्थ्य विभाग ने पुष्टि की है ,जांच के जिले में करीब 50 टीमें बनाई गई , आशा वर्कर ,एमपीएचडब्ल्यू मेल, आंगनवाड़ी वर्कर व हेल्पर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी व अधिकारी शामिल है । जो गांव गांव जाकर लोगों को जागरूक के साथ बीमारी की पहचान कर रही है इसके अलावा बच्चों का टीकाकरण भी किया जा रहा है बता दें कि खसरा टीका से बचाव योग्य बीमारी है। जो अप्रतिरक्षित बच्चों को प्रभावित करती है। खसरा से बचाव के लिए एमआर (मीजल्स रूबेला) वैक्सीन की दो खुराक (9 महीने में पहली खुराक और 18 महीने में दूसरी खुराक) दी जानी हैं। लक्षण वाले सभी बच्चों को लगातार दो दिनों तक विटामिन ए की दो खुराक दी गई।

 

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