China too shocked by India’s strong stand against China: European think tank: भारत के मजबूती से चीन के खिलाफ खड़े रहने पर चीन भी हैरान-: यूरोपीय थिंक टैंक

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यूरोपीय फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज ने एक समीक्षा मेंकहा कि भारत द्वारा चीन के सामने पूरी मजबूती के साथ खड़े रहने पर चीन अचंभित है। गलवान घाटी में 15 जून को हिंसक झड़प हुई जिसमें भारत के बीस सैनिक शहीद हो गए थे। बावजूद इसके भारत पीछे नहीं हटा। हालांकि भारत-चीन केबीच कई दौर की बाताचीत हो चुकी है और अभी भी जारी है। भारत पूर्वीलद्दाख में पूर्ववत स्थिति के लिए अड़ा हुआ हैजबकि कुछ पीछे हटने केबाद चीन ने यह दावा किया कि सेनाओं के पीछे हटने का काम पूरा हो चुका है। जिसके बाद भारत की ओर सेकहा गया था कि अभी पूरी तरह से चीनी सेना वापस नहींहुई है। चीनी सेना के पीछे हटने की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुईहै। चीनी सेना को फिंगर ऐट से पीछे हटना हैजो कि अभी नहीं हुआ है। भारत ने चीन के सामने पूरी दृंढ़ता से अपना पक्ष रखा है और चीन के सामने उसके इस तरह से खड़े रहने के कार ण चीन भी हैरान है। यूरोपीय संघ ने एक रि पोर्ट में कहा कि भले ही अमेरिका ने बीजिंग के खिलाफ ‘क्वॉड अलायंस’ बनाने का आॅफर दिया है, लेकिन भारत के अकेले तन जाने से ड्रैगन भी हैरान है। एक यूरोपीय थिंक टैंक ने यह बात कही है। पूर्वी लद्दाख में झड़प के बाद से भारत और चीन के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। इसके कुछ अच्छे परिणाम भी सामने आए हैं और दोनों देशों की सेनाएं कुछ विवादित जगहों से पीछे हटी हैं, लेकिन चीनी सैनिक देपसांग, गोरा, फिंगर इलाकों में टिकी हुई हैं।थिंक टैंक ने कहा, ”2017 में डोकलाम की तरह, ड्रैगन की आक्रामकता के खिलाफ भारतीय राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व की ओर से दिखाए गए दृढ़ता और संकल्प ने चीन को हैरान कर दिया है।” भारतीय रक्षा मंत्रालय की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए एऋरअर ने कहा कि जब तक सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बीतचीत के जरिए सहमति नहीं बन जाती, तनातनी लंबे समय तक रह सकती है। दूसरे शब्दों में, बेहद कठिन मौसम के बावजूद दोनों देश सर्दी में भी टिकने की तैयारी में हैं।

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