Central Govt Decision: किसानों को खाद में 31 मार्च 2024 तक मिलती रहेगी सब्सिडी

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Central Govt Decision
किसानों को खाद में मिलती रहेगी सब्सिडी

Aaj Samaj (आज समाज), Central Govt Decision, नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने दिवाली से पहले किसानों के हित में कई फैसले लिए हैं। इसमें किसानों को फर्टिलाइजर यानी खाद में सब्सिडी जारी रखने का निर्णय भी शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में किसानों के लिए गए कई बड़े फैसलोें पर मुहर लगी और इस दौरान रबी सीजन के लिए फॉस्फेटयुक्त और पोटाशयुक्त (पीएंडके) उर्वरकों के लिए 22,303 करोड़ रुपए की सब्सिडी को भी मंजूरी दे दी गई। इससे देश के 12 करोड़ किसानों को फायदा होगा।

एनबीएस सब्सिडी को मंजूरी दिए जाने का निर्णय

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक बार फिर किसान हितैषी सरकार की तरफ से खाद व अन्य चीजों में न्यूट्रिएंट बेस्ड सब्सिडी (एनबीएस) सब्सिडी को मंजूरी दिए जाने का निर्णय लिया गया है और इसके तहत फिक्स किए गए रेट रबी के सीजन के लिए एक अक्टूबर से 31 मार्च 2024 तक रहेंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती हुई कीमत का असर देश के किसानों पर नहीं पड़ने देंगे।

उन्होंने बताया कि साल 2021 से ही सब्सिडी की दर को इस प्रकार निर्धारित किया जाता है कि किसानों पर बढ़ती कीमतों का भार न पड़े। अनुराग ठाकुर ने कहा, आगामी रबी सीजन में एक अक्टूबर-2023 से 31 मार्च 2024 तक सब्सिडी इस प्रकार होगी। नाइट्रोजन के लिए यह 47.2 रुपए प्रति किलोग्राम, फास्फोरस 20.82 रुपए प्रति किलोग्राम, पोटाश सब्सिडी 2.38 रुपए प्रति किलोग्राम और सल्फर सब्सिडी 1.89 रुपए प्रति किलोग्राम होगी।

अंतरराष्ट्रीय कीमतें बढ़ने पर किसानों पर नहीं पड़ेगा बोझ

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब अंतरराष्ट्रीय कीमतें बढ़ती हैं, तो सरकार नहीं चाहती कि इसका असर हमारे किसानों पर पड़े। उन्होंने बताया कि दुनिया में डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) की कीमतें बढ़ी हैं, लेकिन हमारी सरकार पहले की तरह ही डीएपी पर सब्सिडी 4500 रुपए प्रति टन जारी रहेगी। इसके अलावा नाइट्रोजन फास्फोरस और पोटेशियम (एनपीके) 1470 रुपए प्रति बोरी की कीमत पर मिलेगी।

एसएसपी पर भी फ्रेट सब्सिडी जारी रहेगी

अनुराग ठाकुर ने बताया कि देश में बनने वाले एसएसपी पर भी फ्रेट सब्सिडी जारी रहेगी। एसएसपी 500 रुपए प्रति बैग पर उपलब्ध होगा। इनमें कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। एनओपी अब 1700 रुपए के बजाय 1655 रुपए प्रति बैग मिलेगा। यानी 45 रुपए कम किया जा रहा है। यूरिया पर भी एक रुपए की भी बढ़ोतरी नहीं की गई है। सरकार की ओर से जारी बयान में भी कहा गया है कि वह उर्वरक विनिमार्ताओं/आयातकों के माध्यम से किसानों को सब्सिडाइज्ड मूल्यों पर पीएंडके उर्वरकों के 25 ग्रेड उपलब्ध करा रही है। पीएंडके उर्वरकों पर सब्सिडी दिनांक 01-04-2010 से एनबीएस स्कीम के तहत दी जा रही है।

सरकार यूूरिया पर देती है 70 प्रतिशत सब्सिडी

केंद्र सरकार देश में खाद की मांग को पूरा करने के लिए विदेश से उर्वरक आयात करती है और यूरिया के ऊपर 70 प्रतिशत सब्सिडी देती है। यही वजह है कि किसान 266.50 रुपए में एक बोरी यूरिया खरीदते हैं। यदि सरकार सब्सिडी हटा दे तो एक बोरी यूरीया के लिए किसानों को 2450 रुपये खर्च करने पड़ेंगे। इसी तरह एक बोरी डीएपी खाद की कीमत 1350 रुपए प्रति बोरी है। अगर सब्सिडी हटा दी जाए तो इसकी कीमत 4073 रुपए हो जाएगी। ऐसे में किसान इसे नहीं खरीद पाएंगे। अगर इस रेट पर किसान खाद खरीदकर खेती करते हैं तो फिर खाने- पीने की चीजें महंगी हो जाएंगी, क्योंकि खेती के ऊपर किसानों को ज्यादा खर्च करने पड़ेंगे।

बांग्लादेश व पाक में भारत से डबल कीमत, चीन में 8 गुना ज्यादा

बता दें कि भारत की तरह दूसरे देश की सरकारें उर्वरकों पर इतनी सब्सिडी नहीं देती हैं। साल 2022 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में एक बोरी यूरिया की कीमत 791 रुपए थी। यानी कि भारत से डबल कीमत से भी ज्यादा। इसी तरह बांग्लादेश में एक बोरी यूरिया की कीमत 719 रुपए है। वहीं, सबसे ज्यादा खाद की कीमत चीन में है। यहां पर एक बोरी यूरिया के लिए किसानों को भारत से 8 गुना अधिक राशि खर्च करनी पड़ती है।

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