Cambridge University Studies: भारत का 90 फीसदी एरिया बना हीट जोन, बढ़ती गर्मी से इकोनॉमी खतरे में

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Cambridge University Studies
भारत का 90 फीसदी एरिया बना हीट जोन, बढ़ती गर्मी से इकोनॉमी खतरे में।

Aaj Samaj (आज समाज), Cambridge University Studies, नई दिल्ली: भारत के कई राज्यों में पड़ रही भीषण गर्मी देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बन सकती है। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के एक नए अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। बता दें कि भारत के उत्तर से पश्चिम तक इन दिनों हीट वेव का असर दिख रहा है। पश्चिम बंगाल, बिहार, मेघालय, ओडिशा व झारखंड आदि राज्यों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस पहुंचने के बाद हीट वेव यानी लू की संभावना को देखते हुए स्कूल बंद करने की घोषणा की गई है।

  • कई राज्यों में हीट वेव की संभावना के चलते स्कूल बंद
  • भारत ने लू को डिजास्टर रिलीफ पैकेज में शामिल किया

हीट वेव से 1992 से 24 हजार से ज्यादा लोगों की मौत

भारत के मौसम को लेकर अध्ययन करने वाली कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की टीम के लीडर रमित देबनाथ का कहना है कि हीट वेव के चलते 1992 से अब तक भारत में 24 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसी के साथ गर्मी के चलते वायु प्रदूषण भी बढ़ गया है और उत्तर भारत के पहाड़ों में मौजूद ग्लेशियर पिघलने लगे हैं। देश में जनवरी से अक्टूबर तक लगभग प्रतिदिन भीषण मौसम देखने को मिल रहा है, जिसके कारण देश को एक साथ कई सारी मौसमी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

खुले में काम करने की लोगों की क्षमता 15 फीसदी तक कम हो सकती है

देबनाथ ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा कि लगभग भारत के कुल एरिया में से 90 फीसदी गंभीर हीट जोन बन चुके हैं और ये इस गर्मी से निपटने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने लू को अपने डिजास्टर रिलीफ पैकेज में शामिल किया है, लेकिन इन योजनाओं की रफ्तार को तेज करने की जरूरत है। अनुसंधानकर्ताओं ने यह चेतावनी भी दी कि भीषण गर्मी के चलते खुले में काम करने की लोगों की क्षमता 15 फीसदी तक कम हो सकती है। इसी के साथ करीब 48 लाख लोगों की जीवन की गुणवत्ता का स्तर गिर सकता है और 2050 तक जीडीपी का 2.8 फीसदी का नुकसान हो सकता है।

अर्थव्यवस्था और लोगों के स्वास्थ्य पर बहुत दबाव पड़ रहा

बता दें कि संबंधित स्टडी की रिपोर्ट स्कॉलर्स की एक टीम ने पब्लिश की है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि हर साल बढ़ती गर्मी के चलते देश की खेती, अर्थव्यवस्था और लोगों के स्वास्थ्य पर बहुत दबाव पड़ रहा है। वहीं, जलवायु परिवर्तन की वजह से गरीबी, असमानता और बीमारियों को खत्म करने की देश की कोशिशें भी नाकाम हो रही हैं। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार देश के तमाम राज्यों में इस बार भीषण गर्मी पड़ने की संभावना है। हीट वेटे को लेकर मौसम विभाग ने पहले ही अलर्ट जारी किया है।

अधिकारियों ने कहा है कि उत्तर-पश्चिमी भारत के कई और राज्यों में जल्द हीट वेव का दौर शुरू हो सकता है। बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में अभी से हीट वेव शुरू हो गई है, जिसके चलते इन राज्यों में एहतियात के तौर पर स्कूल बंद कर दिए गए हैं। हीट वेव से सूखा और खराब मानसून सीजन देखने को मिल सकता है। सूखे के चलते पैदावार में कमी आ सकती है और इससे खासकर खेती-किसानी में लगे लोगों बड़ा घाटा झेलना पड़ सकता है। इससे अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है, क्योंकि उत्पादन घटने के चलते वैश्विक खाद्य बाजार पर इसका असर दिख सकता है, ऐसा इसलिए, क्योंकि भारत गेहूं का एक बड़ा उत्पादक है।

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