जैव विविधता और वन्यजीवन भारतीय पर्यावरण को सशक्त बनाने में अहम: डॉक्टर दीपक राय

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Biodiversity and wildlife important in empowering Indian environment: Dr. Deepak Rai

इशिका ठाकुर,कुरुक्षेत्र:

जूलोजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. दीपक राय बब्बर, ने बुधवार को यूनिवर्सिटी सीनियर सैकेन्डरी मॉडल स्कूल कुरुक्षेत्र में अपने व्याख्यान की शुरूआत पर्यावरण संरक्षण व पर्यावरण की जानकारी देते हुए भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में पाये जाने वाले जीवों के बारे में अवगत करवाया।

नर या मादा की पहचान रंगो से नहीं हो सकती

डॉ. दीपक राय बब्बर ने बताया कि किस तरह से भारत एक महत्वपूर्ण स्थान है। भारत का क्षेत्रफल भले ही कम है लेकिन जीवों की प्रजातियां इतनी अधिक है कि संसार में उसका मेगाडिवर्सिटी देशों में स्थान है। उन्होंने पेड़ पर बैठे पक्षी में नर-मादा की पहचान कैसे करें। उन्होंने बहुत की मनोरंजन ढंग से बताया कि किस ढंग से बिना छुए, बिना काटे यह पहचान हो सकती है। उन्होंने मोर, तोता उनकी जातियां, कोयल व उसकी जातियां, कठफोड़वा व उसकी जातियां, शिक्रा, चिड़िया आदि के बारे में विस्तार से बताया कि कुछ ऐसे भी पक्षी हैं जिनमें नर या मादा की पहचान रंगो से नहीं हो सकती।

स्कूल के विद्यार्थियों को उनका व्याख्यान इतना मनोरंजक लगा कि वह कहने लगे कि हम आधी छुट्टी का खाना नहीं खाते बल्कि व्याख्यान को जारी रखा जाये। प्रधानाचार्य के अनुसार बच्चों के मुंह से यह शब्द उन्होंने पहली बार सुने हैं। इससे बच्चों की जिज्ञासा कितनी थी उसका आभास होता है। स्कूल के शिक्षकों ने डॉ. दीपक राय बब्बर की भूरी-भूरी प्रशंसा की। शिक्षक हैरान थे कि कैसे प्राणी विज्ञान संकाय के चेयरपर्सन स्कूल के बच्चों को इतनी लगन से उनके स्तर पर जाकर समझा रहे थे। स्कूल के प्रधानाचार्य डॉक्टर एम एम सिंह ने डॉक्टर दीपक राय का व्याख्यान के लिए धन्यवाद किया।

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