Bhiwani News : शिव शक्ति जनकल्याण सेवा ट्रस्ट ने वन महोत्सव का किया शुभारंभ

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Bhiwani News : शिव शक्ति जनकल्याण सेवा ट्रस्ट ने वन महोत्सव का किया शुभारंभ
त्रिवेणी रोपित करते भिवानी के सिद्ध पीठ बाबा जहरगिरी आश्रम के पीठाधीश्वर श्री महंत डॉ. अशोकगिरि महाराज।
  • श्री महंत डॉ. अशोक गिरि महाराज ने भिवानी में हाइवे पर लगाए 51 त्रिवेणी वृक्ष
  • त्रिवेणी से जुड़े पौधे बनाते हैं पर्यावरण में संतुलन : श्रीमहंत डॉ. अशोक गिरी

(Bhiwani News) भिवानी। पर्यावरण संरक्षण और जन जागरण की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल करते हुए शिव शक्ति जनकल्याण सेवा ट्रस्ट एवं भिवानी के सिद्ध पीठ बाबा जहरगिरी आश्रम के पीठाधीश्वर श्री महंत डॉ. अशोकगिरि महाराज ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर 51 त्रिवेणी (बड़, पीपल व नीम) वृक्षों का पौधारोपण कर वन महोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इससे पूर्व विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के अवसर पर भी 37 त्रिवेणियां लगाई गई थी। इस अभियान का उद्देश्य न केवल पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखता है, बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को भी सशक्त करना है।

श्रीमहंत डॉ. अशोकगिरि महाराज ने सेवकों के साथ मिलकर भिवानी के हलवास चौक से देवसर मोड़ तक हाईवे बाईपास के किनारे 51 त्रिवेणियों को रोपित किया। उन्होंने स्वयं गड्ढे खोदकर वृक्ष लगाए और सभी लोगों से एक पेड़ मां के नाम पौधारोपण की अपील की। उन्होंने बताया कि वे श्रीश्री 1008 बाबा शंकरगिरी महाराज के स्मृति दिवस तक 1001 त्रिवेणियां लगाने का संकल्प ले चुके हैं, जिसकी देखरेख 1001 परिवारों द्वारा की जाएगी। श्री महंत डा. अशोक गिरी ने बताया कि बड़, पीपल और नीम के वृक्षों का विशेष महत्व है।

नीम रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है

ये न केवल अधिक मात्रा में ऑक्सीजन उत्पन्न करते हैं, बल्कि वायु प्रदूषण को भी कम करते हैं। नीम रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, पीपल श्वसन संबंधी समस्याओं को दूर करता है, जबकि बरगद मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है। धार्मिक दृष्टिकोण से भी ये वृक्ष अत्यंत पूज्यनीय हैं और हिंदू संस्कृति में इनका विशेष स्थान है। उन्होंने बताया कि संत-महात्माओं और ऋषि-मुनियों की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए त्रिवेणियों का रोपण किया जा रहा है।

यह पहल न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ी है, बल्कि भावी पीढिय़ों के लिए एक स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण का निर्माण करने का भी माध्यम है। उन्होंने कहा कि जब ये पौधे विकसित होंगे, तो हाईवे क्षेत्र में प्रदूषण की मात्रा स्वत: कम हो जाएगी।

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