- सामाजिक सोच व प्रवृत्ति के चलते स्व. रामभजन अग्रवाल का लोगों से था सीधा जुड़ाव : नंदकिशोर
- पूर्व मंत्री बाबू रामभजन अग्रवाल की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित
(Bhiwani News) भिवानी। चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. दीप्ति धर्मानी ने आज पूर्व मंत्री स्वर्गीय बाबू रामभजन अग्रवाल की पुण्यतिथि पर भिवानी स्थित गौशाला पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। वे अपने परिवार सहित इस अवसर पर उपस्थित रहीं। कुलपति ने गौशाला में “गौ स्वामणि” कार्यक्रम में भाग लेते हुए गौमाता को गुड़ खिलाया और बाबूजी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
इस अवसर पर कुलपति डॉ. धर्मानी ने कहा, “गौ माता हमारी संस्कृति की आत्मा हैं। हर समाज और परिवार को गौ सेवा अपनाकर उसे आर्थिक संसाधन के रूप में उपयोग में लाना चाहिए। इससे आत्मनिर्भरता के साथ-साथ जीवन में सुख-शांति का संचार होता है।” कार्यक्रम में भाजपा भिवानी जिलाध्यक्ष मंडल सदस्य मीनू अग्रवाल ने कुलपति का स्वागत करते हुए बाबूजी के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि बाबू रामभजन अग्रवाल का जीवन संघर्षों से प्रेरित रहा। उन्होंने फर्श से अर्श तक का सफर तय करते हुए ईमानदारी, मेहनत और सेवा को अपना मूलमंत्र बनाया।
बाबूजी का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ।
धार्मिक क्षेत्र में उनका योगदान उल्लेखनीय
शिक्षा के क्षेत्र में संघर्ष करते हुए उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की और 1943 में डीसीएम मिल में क्लर्क के पद पर कार्य प्रारंभ किया। अपनी योग्यता और निष्ठा से वे प्रबंधक बने। इसके बाद 1992-93 में ‘चिनार मिल’ की स्थापना की, जो आज कपड़ा बाजार में एक प्रमुख ब्रांड के रूप में जानी जाती है। धार्मिक क्षेत्र में भी उनका योगदान उल्लेखनीय रहा। उन्होंने श्रीराम कुंज सत्संग धाम की स्थापना की, जहां देश के प्रमुख संतों का आगमन होता रहा। साथ ही उन्होंने दीपावली व होली मिलन कार्यक्रमों की शुरुआत की, जो आज स्थानीय पर्व का स्वरूप ले चुके हैं।
गौसेवा को परम सेवा मानने वाले बाबू अग्रवाल जी जीवन भर गौशाला के प्रधान रहे और प्रतिदिन प्रात:काल स्वयं गौ सेवा करते थे। उनके इसी समर्पण को देखते हुए वे समाज में ‘गौभक्त पुरुष’ के रूप में प्रसिद्ध हुए। राजनीति में भी बाबूजी ने सफलता की ऊंचाइयों को छुआ। वे हरियाणा विकास पार्टी की ओर से 1991 और 1996 में विधायक निर्वाचित हुए तथा हरियाणा पर्यटन एवं गृह राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने भिवानी में एनसीसीएफ की स्थापना कराई और भारत सरकार की ओर से 65 देशों में सहकारिता क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।
शिक्षा क्षेत्र में उन्होंने वैश्य कॉलेज के प्रधान रहते हुए अनेक कोर्स प्रारंभ कराए और संस्थान का विस्तार किया। व्यापारियों की समस्याओं को उन्होंने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए समाधान कराया। 30 जुलाई 2012 को उन्होंने गौशाला में गौसेवा कर, अपने निवास स्थान पर स्थित श्रीराम मंदिर में आराधना करते हुए प्रभु चरणों में प्रस्थान किया। उनका संपूर्ण जीवन समर्पण, सादगी और सेवा का प्रतीक रहा।
इस पुण्य स्मरण अवसर पर शहर के गणमान्य लोग, भुपेन्द धर्माणी, श्री गौशाला ट्रस्ट के अध्यक्ष मोहनलाल बुवानीवाला, चिनार मिल अध्यक्ष नंदकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक पुरुषोत्तम दास अग्रवाल सहित परिवार जन उपस्थित रहे। दिनभर विभिन्न सेवा कार्यों जैसे पौधारोपण, भोजन वितरण और स्वास्थ्य जांच शिविर भी आयोजित किए गए।
यह भी पढ़े : Road Safety Slogan : बच्चों के हांथों में सडक़ सुरक्षा के स्लोगन लिखी तख्तियां आकर्षण का केंद्र बनी