भिवानी : ग्वार व नरमा कपास में हरा तेला की रोकथाम करे किसान : डा. आरके सैनी

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Addressing the farmers in the camp
Addressing the farmers in the camp

पंकज सोनी, भिवानी :

पिछले दो सप्ताह से प्रदेश के अधिकत्तर क्षेत्रों में अच्छी बारिश हुई है, जिससे हवा में नमी 70 प्रतिशत या इससे अधिक बनी हुई है तथा औसत तापक्रम 28-30 डिग्री सेल्सियस के आस-पास है। ऐसा मौसम हरा तेला के पनपने के लिए बहुत अनुकूल है। अनेक खेतों में हरा तेला का प्रकोप देखा गया है, जिसके कारण इन फसलों के पत्ते किनारों से पीले पड़ने लगे है तथा नीचे की ओर मुड़ने लगे है। अत: किसानों को चाहिए कि वे अन्तरप्रवाही कीटनारियों का स्प्रे करें, ताकि इस कीट की संख्या अधिक बढने से रोकी जा सकें। ये सुझाव चौ. चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार से सेवानिवृत्त व कीट विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष डा. आरके सैनी दिए। वे खंड कैरू के गांव धारवानबास में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग तथा हिंदुस्तान गम एंड कैमिकल्स द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित ग्वार फसल स्वास्थ्य विषय आयोजित शिविर में किसानों को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने ग्वार फसल की अच्छी पैदावार लेने के लिए जल संरक्षण तथा बीज उपचार के महत्व पर विशेष बल दिया तथा हानिकारक कीटों व बीमारियों की रोकथाम के बारे में विस्तार से समझाया। कृषि विकास अधिकारी डा. देवेंद्र सिंह ने किसानों द्वारा नरमा कपास व अन्य फसलों से संबंधित पूछे गए सवालों के उत्तर दिए। उन्होंने सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न किसान हितकारी योजनाओं के बारे में किसानों को अवगत कराया तथा आग्रह किया कि वे अपनी फसल का पंजीकरण अवश्य करवाएं। शिविर में फेस मास्क तथा ग्वार में झुलसा रोग की रोकथाम के लिए स्ट्रैप्टोसाईक्लिन के पाऊच किसानों में वितरित किए गए। इस अवसर पर ओम सिंह, सतबीर, उजाला राम, सुनील, राजबीर, राहुल, सुरेंद्र, सोमबीर, इन्द्र सिंह, जोगेंद्र, बलवान, विकास, नरेश सहित लगभग 50 किसान उपस्थित रहे। 

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