भा के यू के प्रदेश अध्यक्ष रतन मानने सरकार पर किसानों की अनदेखी करने का लगाया आरोप

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Bhartiya Kisan Union
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इशिका ठाकुर,करनाल:
भारतीय किसान यूनियन(भाकियू) के प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने प्रदेश सरकार पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए सीधे सीधे तौर पर कहा कि अगर सरकार ने जल्द ही गन्ने के खरीद भाव में बढ़ौतरी नही की तो प्रदेश के 101 किसान पंच चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री के आवास पर आने वाली 19 जनवरी को किसान पंचायत लेकर जाएगें।

पंचों के एक हाथ में झण्डा तथा दूसरे हाथ में गन्ना होगा

यानी मुख्यमंत्री के आवास पर किसान पंचायत बिठाई जाएगी। इन किसान पंचों में प्रदेश के सभी जिलों के तथा सभी समुद|यों के पंच शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि सभी पंचों के एक हाथ में झण्डा तथा दूसरे हाथ में गन्ना होगा। किसान नेता रतनमान ने साफतौर पर कहा कि अगर सरकार ने किसी भी तरह से किसान पंचों का अपमान करने का प्रयास किया गया तो इसका सीधे तौर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल को खमियाजा भूगतना पड़ेगा। भाकियू की बैठक में आगामी 17 जनवरी से गन्ने की छिलाई न किए जाने के गत दिनों एक अन्य संगठन द्वारा लिए गए फैसले का भी सर्मथन किया गया। जिसको लेकर भाकियू के पदाधिकारी गांव गांव जाकर इस संबंध में एक मुहिम चलाकर किसानों को लामबंद्व करेंगे। बैठक को संबोधित करते हुए पानीपत जिलाध्यक्ष सोनू मालपुरिया, जींद से किसान नेता छज्जू राम कंडेला, यमुनानगर जिलाध्यक्ष सुभाष गुर्जर, प्रदेश संगठन सचिव शाम सिंह मान, किसान नेता नेकीराम गढ़ी बीरबल सहित कई किसान नेताओं ने कहा कि सरकार मौजूदा गन्ना पिराई सीजन 2022-2023 के लिए गन्ने के दाम नही बढ़ा रही है।

सैंकडों किसानों ने सरकार के विरूद्व जोरदार की नारेबाजी

जिसकों लेकर किसान शांतिप्रिय संर्घष करके गन्ने के 450 रूपए प्रति किवंटल का भाव किए जाने की लगातार मांग कर रहे है। करनाल सहकारी शुगर मिल स्थित किसान विश्राम गृह परिसर में भाकियू जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह घुमन व प्रवक्ता सुरेंद्र सागवान की अध्यक्षता में आयोजित की गई किसानों की बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश सरकार पर किसान विरोधी होंने के आरोप लगाए गए। इस बीच बैठक में मौजूद सैंकडों किसानों ने सरकार के विरूद्व जोरदार नारेबाजी भी की। भाकियू प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने मुख्यमंत्री के आवास पर पंचायत ले जाने के निर्णय का उल्लेख करते हुए बताया कि अगर किसी भी प्रकार के दो पक्षों के बीच किसी भी मसले को लेकर संभावित टकराव की आशंका से पूर्व खासतौर पर हरियाणवी परंपरा के अनुसार पचायतों का आयोजन किया जाता रहा है। हरियाणा हमेशा ही पंचायती व्यव्स्था में विश्वास रखने वाला राज्य रहा है। इसलिए अंत में गन्ना आंदोलन के बीच भाकियू ने यह रास्त चुना है। ताकि बिना किसी टकराव के समाधान हो जाए।उन्होंने कहा कि आनेवाली 26 जनवरी को जींद की अनाज मंड़ी में एसकेएम की ओर से उत्तर राज्यों की महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें ज्यादा से ज्यादा संख्या में शामिल होंने का न्यौता भी दिया गया।

इस अवसर पर सैकडों किसान मौजूद थे

इस अवसर पर किसान नेता करण सिंह कालिया, जिले सिंह लालूपुरा, धनेतर राणा, दिलावर सिंह डबकोली, श्रीराम शर्मा, फतेसिंह मंगलोरा, संजीव नसीर पुर इलम सिंह, जसमेर सिंह, सुनील नली, कमल, अमन गांधी, शाम सिंह चौहान, विनोद राणा, ओमपाल, लछमन राणा, सतबीर मढ़ाण राजेश सहित सैकडों किसान मौजूद थे।

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