Benefits Of Mustard : राई सिरदर्द और माइग्रेन में दे आराम:अस्थमा, सर्दी-खांसी भगाए , वजन भी घटाए

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आयुर्वेद में राई को औषधि माना गया है
आयुर्वेद में राई को औषधि माना गया है

Aaj Samaj (आज समाज), Benefits Of Mustard, अंबाला :

राई का पहाड़ बनाने वाली कहावत सुनी होगी। ये वही राई है जिसका इस्तेमाल हर घर में होता है। हालांकि राई की पहचान को लेकर कई लोग कन्फ्यूज रहते हैं। सरसों और राई को लोग एक ही समझ लेते हैं।

असल में राई के दाने सरसों के दानों के मुकाबले छोटे और काले होते हैं। सरसों के दाने पीले और काले दोनों रंग के होते हैं। राई के स्वाद में खट्टापन होता है जबकि सरसों कड़वी होती है। राई या राई के तेल का इस्तेमाल सिर्फ खाना बनाने के लिए करते हैं। आयुर्वेद में राई को औषधि माना गया है। कई बीमारियों के इलाज में इसका इस्तेमाल होता है।

आयुर्वेद के अनुसार राई कफ-पित्त दोष जैसा बीमारियों को ठीक करती है। राई खुजली, कुष्ठ रोग, पेट के कीड़े को भी खत्म करती है।राई का तेल सिर दर्द, कान के रोग, खुजली, पेट की बीमारी में फायदा करता है। यह अपच, भूख की कमी, बवासीर और गठिया में भी कारगर साबित होता है। ‘जान जहान’ में आयुर्वेदाचार्य सिद्धार्थ सिंह से जानते हैं राई के फायदे।

राई और सरसों के गुणों की बात करें तो दोनों में ही एक जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। अंग्रेजी में दोनों को ही मस्टर्ड कहा जाता है।

आंखों के लिए अनमोलः आंखों की पलकों पर फुंसी होने पर राई के चूर्ण को घी में मिलाकर लेप लगाने से फुंसी जल्दी ठीक हो जाती है।

खुजली में खत्म करेः राई के काढ़े से सिर धोने से बाल गिरने बंद हो जाते हैं और सिर के जूं, खुजली और फुंसियों से राहत मिलती है।

गांठ को गलाएः बगल में होने वाली गांठ को पकाने के लिए, गुड़, गुग्गुल और राई को बारीक पीसकर कपड़े की पट्टी पर लेप लगाकर चिपका दें। गांठ पककर फूट जाती है।

सिर दर्द को दूर भगाएः सिरदर्द में राई को पीसकर माथे पर लगाने से सिर दर्द में आराम मिलता है।

जुकाम को जमने न देः जुकाम के इलाज के लिए 500-750 मिग्रा राई और 1 ग्राम शक्कर को मिलाकर नॉर्मल पानी के साथ इस्तेमाल करें। इससे नजला दूर हो जाएगा।कान के लिए कारगरः राई को पीसकर सरसों के तेल या अरंडी तेल में मिलाकर कान के पीछे लेप लगाएं। सूजन खत्म होगी। सरसों तेल को अच्छी तरह से उबालकर ठंडा कर लें। 10 ग्राम राई 10 ग्राम लहसुन और डेढ़ ग्राम कपूर डालकर बोतल में रख लें। इसे 4-5 बूंदे डालते रहने से कान का बहना बंद हो जाएगा। लेकिन यह ऐसा करने से डॉक्टर से अवश्य सलाह लें।

दांत दर्द को दूर भगाएः राई को पीसकर गुनगुने पानी में मिलाकर कुल्ला करने से दांत का दर्द का ठीक होता है।

मसूड़ों के लिए मुफीदः राई के तेल में सेंधा नमक मिलाकर दांतों पर मलने से मसूड़ों की समस्या से निजात मिलती है।

सांस की बीमारी में फायदेमंदः राई के फायदे सांसों के रोग में भी ले सकते हैं। 500 मिग्रा राई चूर्ण में घी और शहद मिलाकर, सुबह-शाम इस्तेमाल करें।

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