Baby Care Tips : जानिये शिशु की मालिश के लिए कुछ जरूरी टिप्स और ध्यान देने योग्य बातें

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शिशु की मालिश के लिए कुछ जरूरी टिप्स
शिशु की मालिश के लिए कुछ जरूरी टिप्स

Aaj Samaj (आज समाज), Baby Care Tips , अंबाला :
बच्चे की मालिश करने से उसके शरीर का विकास ठीक तरह से होता है। इसलिए, नीचे हम बेबी मालिश से जुड़े कुछ खास टिप्स बता रहे हैं, जो आपके काम आएंगे। इसके अलावा, कुछ खास बाते बताएंगे जिन पर ध्यान देना जरूरी है ।

शिशु की मालिश करने से क्या लाभ होता है?

शिशु की नियमित रूप से मालिश करने से उसे कई लाभ होते हैं, जिनके बारे में हम नीचे बता रहे हैं। आइए जानते हैं कि शिशु की मालिश करने से क्या लाभ होते हैं

बच्चे को नींद अच्छी आती है

अच्छी नींद आने में मालिश अहम भूमिका निभाती है। सोने से पहले शिशु की मालिश करने से शिशु के शरीर में अधिक मेलाटोनिन उत्पन्न होता है। यह हार्मोन अच्छी नींद के लिए जरूरी माना जाता है।

मांसपेशियों को आराम मिलता है और तनाव कम होता है

मालिश करने से शिशु का तनाव भी कम होता है। मालिश से शरीर में खुशी उत्पन्न कराने वाला हार्मोन ऑक्सीटॉक्सिन जारी होता है और तनाव उत्पन्न करने वाला हार्मोन कम होने लगता है। वहीं, मालिश से मांसपेशियों को आराम भी मिलता है।

मानसिक और सामाजिक विकास बढ़ाने में सहायक

अध्ययन में यह बात साबित हो चुकी है कि बच्चे को किया स्पर्श उसके मानसिक और सामाजिक विकास पर असर डालता है। तंत्रिका तंत्र उत्तेजित होता है शिशु की मालिश करने से उसका तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) उत्तेजित होता है और मांसपेशियों के तालमेल में भी सुधार होता है।

पाचन, रक्त संचार और सांस लेने में फायदा

शिशु की मालिश करने से शिशु का रोना कम हो जाता है और उसका पाचन व रक्त संचार दुरुस्त होता है। साथ ही उसे श्वसन संबंधी फायदे भी होते हैं। इसके अलावा, शिशु की मालिश करने से गैस व कब्ज जैसी समस्याएं भी दूर होती हैं।

जानते हैं कि शिशु की मालिश कब शुरू करनी चाहिए

शिशु की मालिश करने का सबसे अच्छा समय वो होता है, जब वो न तो थका हुआ हो और न ही भूखा हो। ऐसे में वो मालिश का अच्छी तरह से आनंद उठा पाएगा। आप उसकी मालिश दिन में कभी भी कर सकते हैं। इसके अलावा, उसकी मालिश उसे नहालाने के समयानुसार, स्तनपान और सोने व जागने के समय के अनुसार तय कर सकती हैं।

संभव हो तो आप शिशु की दैनिक क्रिया का रोजाना के लिए एक निर्धारित क्रम बना लें। उदाहरण के तौर पर पहले आप शिशु की मालिश करें, फिर उसे नहलाएं और बाद में उसे सुला दें। ऐसा करने से शिशु दिनचर्या को समझने लगेगा।

बेशक, यह प्रक्रिया लंबी है और शिशु के लिए इसे अपनाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, क्योंकि इस बीच उसे फिर से भूख लग सकती है। इसलिए, शुरुआत में बच्चे की मालिश और नहाने के बीच के समयांतराल को कम रखें। आप रात को सोने से पहले भी शिशु की मालिश कर सकती हैं, क्योंकि इससे उसकी थकान उतरती है और उसे नींद अच्छी आती है। वहीं, अगर शिशु अधिक रो रहा है, तो शाम के समय मालिश करना फायदेमंद हो सकता है।

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