Ambala News : अंबाला नगर निगम में शामिल होने का फायदा न मिलने पर मेयर से मिलने पहुंचे 9 गांवों के प्रतिनिधि, फिर से चाहते हैं पंचायती राज

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Ambala News Representatives of 9 villages reached to meet the Mayor after not getting the benefit of joining Ambala Municipal Corporation, want Panchayati Raj again
  • मेयर शैलजा संदीप सचदेवा ने ग्रामीणों को दिया सीएम और निकाय मंत्री तक उनकी आवाज पहुंचाने का आश्वासन

(Ambala News) हरप्रीत सिंह। अंबाला सिटी : अंबाला शहर नगर निगम के अंतर्गत आने वाले गांव लोहगढ़, मानकपुर, डंगडेहरी, छोटी घेल, बड़ी घेल, निजामपुर, लहारसा, कालूमाजरा, डडियाना से ग्रामीण आज नगर निगम पहुंचे। गांव वासियों के आने के सूचना पाकर मेयर शैलजा संदीप सचदेवा तुरंत अपने निवास स्थान से नगर निगम पहुंची और एकत्रित हुए ग्राम वासियों से आकर मिली और उनके आने का कारण जानने का प्रयास किया। ग्रामीण अपने गांवों को गांव वाले नगर निगम से निकालकर फिर से पंचायती राज व्यवस्था के अंतर्गत लाने के लिए अपनी मांग को लेकर पहुंचे थे। इस दौरान ग्रामीणों ने एक मांग पत्र सीएम नायब सैनी और निकाय मंत्री विपुल गोयल के नाम मेयर शैलजा सचदेवा को सौंपा।

ग्रामीणों बोले – हमारे गांव शहर से दूर, नहीं हो पा रहा विकास, सिर्फ लगाए जा रहे टैक्स

मेयर शैलजा सचदेवा के समक्ष अपनी समस्याएं रखते हुए ग्रामीणों ने बताया कि जब से उनका गांव नगर निगम के क्षेत्र में आया है तब से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि कई गांव शहर से 7-8 किलोमीटर दूर है जिसके कारण छोटे-छोटे कामों के लिए ग्रामीणों को नगर निगम में आना पड़ता है। वही नगर निगम से दूरी होने के कारण उनके गांव में सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। ग्रामीणों ने कहा कि निगम की तरफ से सुविधा के नाम पर हाउस टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स पानी और सीवरेज के साथ-साथ गार्बेज टैक्स भी लगाया जाता है लेकिन सुविधा के नाम पर उन्हें कुछ नहीं मिल रहा।

गांव में चिकित्सा, स्ट्रीट लाइट और पेयजल जैसी सुविधा न मिलने से ग्रामीणों में रोष है। ग्रामीणों ने बताया कि पहले पंचायत व सरपंच होने के चलते उनके काम गांव में हो जाते थे लेकिन जब से निगम बना है तब से उनकी परेशानियां पहले की अपेक्षा ज्यादा बढ़ गई है। इन्हीं सभी समस्याओं के चलते इन नौ गांवों के निवासी नगर निगम व्यवस्था से निकलकर पंचायती राज व्यवस्था में वापसी करना चाहते हैं। अपनी इन मांगों को लेकर गांव वाले पहले भी डीसी और अन्य जनप्रतिनिधियों से पहले भी मिलते रहे हैं, परंतु उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाया।

2010 में 12 गांव हुए थे निगम में शामिल

गौरतलब है कि जब 2010 में अंबाला नगर निगम की स्थापना हुई तब हरियाणा सरकार की नोटिफिकेशन के साथ अंबाला नगर निगम में 12 ग्रामीण क्षेत्रों को भी सम्मिलित किया गया और पंचायती व्यवस्था को निरस्त कर दिया गया था । गांव वासियों का कहना है कि अंबाला नगर निगम में सम्मिलित होने के बाद उन्हें जिस प्रकार के विकास और फायदों की उम्मीद थी, वह उन तक नहीं पहुंच पाए.

मेयर ने सीएम और निकाय मंत्री तक ग्रामीणों की आवाज पहुंचाने का किया वादा

ग्रामीणों के सभी प्रकार की बातों, समस्याओं और मांगों को सुनने के बाद मेयर शैलजा सचदेवा ने उन्हें भरोसा दिलाते हुए वादा किया कि वह उनकी आवाज सीएम नायब सैनी और निकाय मंत्री विपुल गोयल तक अवश्य पहुंचाएंगी और उनकी मांगों को पूरा करवाएंगी। वही इस दौरान मेयर से आश्वासन पाकर ग्रामीण संतुष्ट नजर आए और उन्होंने कहा कि मेयर शैलजा संदीप सचदेवा उनकी समस्याओं को समझते हुए उनकी आवाज उठाएंगी और उनके द्वारा की गई मांगों को पूरा करवाने का काम करेंगी।

वहीं पत्रकारों से बात करते हुए मेयर शैलजा संदीप सचदेवा ने बताया कि अपने चुनाव के दौरान वह इन सभी गांव में गई है और उन्होंने ग्रामीणों की सफाई व्यवस्था व नालों की निकासी की समस्या को खुद जाकर उस समय देखा, और समय-समय पर एडवोकेट संदीप सचदेवा की अगुवाई में उनकी टीम ग्रामीण क्षेत्र में घूम कर वहां की समस्याओं का निरीक्षण करती रहती है। ग्रामीणों की मांग पर मेयर शैलजा संदीप सचदेवा ने कहा कि वह इन समस्याओं को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और निकाय मंत्री विपुल गोयल जी को पत्र लिखेंगी, और जरूरत पड़ने पर इन सभी ग्रामीणों को साथ लेकर माननीय मुख्यमंत्री से मिलकर भी उनकी समस्या का निराकरण करने की गुहार लगाएंगी.

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