रक्त दान का एक अनूठा आयोजन जिसमें सभी रक्त दाता केवल महिलाएँ व लड़कियाँ थी

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All blood donors only women and girls
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इशिका ठाकुर,करनाल:
करनाल में आज रक्त दान का एक अनूठा आयोजन किया गया जिसमें सभी रक्त दाता केवल महिलाएँ व लड़कियाँ थी । नैशनल इंटेग्रेटेड फ़ोरम आफ आर्टिस्ट्स एंड एक्टिविस्टस (निफा) द्वारा कुमारी विद्यावती डीएवी महिला महाविद्यालय के साथ मिलकर लगाए गए इस शिविर का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में ब्रह्मा कुमारी प्रेम बहन ने किया।

सभी रक्त दाता केवल महिलाएँ व लड़कियाँ

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उनके साथ KVA डीएवी महिला महाविद्यालय की प्रिन्सिपल डॉक्टर संतोष बिसला, डॉक्टर गनेश दास महिला बी एड महाविद्यालय की प्रिन्सिपल डॉक्टर राकेश संधु, जानी मानी महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रभजोत कौर, निफा के संरक्षक डॉक्टर लाजपत राय चौधरी, सतिंदर मोहन कुमार व जे आर कालड़ा ने भी बैज लगाकर व विशेष प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। शहर के अनेक मौजिज लोग उद्घाटन के अवसर पर उपस्थित रहे जिनमे आरटीआई कार्यकर्ता एडवोकेट राजेश शर्मा, किसान नेता रजिंदर आर्य, निफा के आजीवन सदस्य सतिंदर कुमार शामिल रहे। शिविर में कुल 33 महिला रक्त दाताओं ने रक्त दान किया जिन्हें रक्त वीरांगना अवार्ड से सम्मानित किया गया। रक्त दान शिविर में डॉक्टर गणेश दास महिला बीएड कालेज का भी विशेष सहयोग रहा। आज के शिविर में रक्त दान करने वाली हर लड़की व महिला को रक्त वीरांगना अवार्ड से सम्मानित किया गया। निफा द्वारा आज़ादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव के तहत आयोजित किए जा रहे आज के विशेष रक्त दान शिविर की मुख्य अतिथि व सेक्टर 7 ब्रह्मा कुमारी सेंटर की इंचार्ज बीके प्रेम ने कहा कि हमें शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना होगा जो राज योग, अध्यात्म के जीवन व सात्विक भोजन से सम्भव है।

इस अवसर पर महिला स्वास्थ्य को लेकर एक विशेष सेमिनार का आयोजन भी किया गया जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में करनाल की जानी मानी महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रबजोत कौर व करनाल सिवल अस्पताल ब्लड बैंक के इंचार्ज डॉक्टर संजय वर्मा ने महिला स्वास्थ्य को लेकर जागरुक किया। मुख्य वक्ता डॉक्टर प्रभजोत कौर व सिवल अस्पताल ब्लड बैंक के इंचार्ज डॉक्टर संजय वर्मा ने कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित महिलाओं व लड़कियों को अपने जीवन यापन, खान पान में विशेष सुधार लाने की सलाह दी। हरी सब्ज़ियाँ, ताज़े फल, सलाद, अंकुरित अनाज, गुड़ व चना को अपनी हर रोज़ की डाइट का हिस्सा बनाने की सलाह दी ताकि रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा पूरी हो ओर वजन शरीर की हाइट के अनुसार पूरा हो। प्रिन्सिपल डॉक्टर संतोष बिसला व प्रिन्सिपल डॉक्टर राकेश संधु ने भी अपने उद्बोधन में महिला रक्त दान के क्षेत्र में जागरूकता को बढ़ावा देने की आवश्यकता बताई ओर आज के सफल आयोजन के लिए निफा को साधुवाद दिया।

इस अवसर पर निफा के संस्थापक अध्यक्ष प्रीतपाल सिंह पन्नु ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार भारत विश्व के उन टॉप 13 देशों में शामिल है जहां महिलाओं में रक्त दान को लेकर जागरूकता न होने के चलते वो कुल रक्त दान में 10 प्रतिशत से कम योगदान देती हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार भारत के कुल रक्त दान में महिलाओं की भागीदारी मात्र 6 प्रतिशत है जबकि ऑस्ट्रेल्या, एस्टोनिया, ऐज़र्बायजान, जोरजिया, मंगोलिया, न्यूज़ीलैंड, पुर्तगाल, अमेरिका, सवाजीलैंड, बैंकॉक आदि देशों में यह 40 प्रतिशत से ज़्यादा है। उन्होंने कहा कि इसके पीछे एक बड़ा कारण भारत में महिलाओं का स्वास्थ्य के प्रति जागरूक न होना है। पूरे परिवार की देखभाल व चिंता करने वाली महिला स्वयं अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नहीं होती ओर परिवार के पुरुष सदस्य भी इस ओर ध्यान नहीं देते। अधिकांश महिलाएँ अनिमिक पायी जाती है। रक्त दान के प्रति महिलाओं में जागरूकता का अभाव भी इसका एक बड़ा कारण है।

रेड क्रॉस सोसायटी व रेड रिबन क्लब का विशेष योगदान

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निफ़ा ने अब इस स्थिति को बदलने के लिए आगे आने की पहल की है ओर शैक्षणिक संस्थाओं के सहयोग से ऐसे रक्त दान शिविरों का आयोजन किया जा रहा है जिसमें सभी रक्त दाता महिलाएँ हों। निफ़ा के महिला विंग की सचिव डॉक्टर भारती भारद्वाज ने बताया कि इस शिविर का उद्देश्य जहाँ रक्त दान के प्रति महिलाओं की उदासीनता को दूर करना है वहीं स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने के लिए भी उन्हें जागरूक करना है। इसलिए इस रक्त दान शिविर में रक्त दान से पूर्व महिलाओं के स्वास्थ्य की जाँच की गई व जिन महिलाओं का वजन कम मिला, बीपी की शिकायत हुई अथवा हिमोंग्लोबिन कम पाया गया उन्हें चिकित्सीय परामर्श मौक़े पर ही दिया गया। प्रिन्सिपल हर्ष सेठी ने कहा कि स्पेस, खेल जगत, बॉलीवुड, राजनीति व अन्य क्षेत्रों में अपना विशेष स्थान बना चुकी हरियाणा की महिला शक्ति अब ये साबित करेगी कि किसी की जान बचाने के लिए रक्त दान करने से भी महिलाएँ पीछे नहीं हटती। उन्होंने बताया कि इस शिविर में आकर रक्त दान करने वाली हर महिला को रक्त वीरांगना के अवार्ड से सम्मानित किया गया।

आज के शिविर को सफल बनाने में केवीए डी ए वी महिला महाविद्यालय के एनएसएस, एनसीसी, रेड क्रॉस सोसायटी व रेड रिबन क्लब का विशेष योगदान रहा जिसके लिए इन सभी विंग के इंचार्ज को मंच से विशेष सम्मान दिया गया इनमे डॉक्टर अनुराधा नागिया, डॉक्टर दीप्ति शर्मा, डॉक्टर श्वेता धवन, कुमारी शिवांगी, डॉक्टर पूनम कुंडू, डॉक्टर मंजु शर्मा, डॉक्टर सुमन, डॉक्टर स्वाति, डॉक्टर रेणु बालियान, सुनीत, डॉक्टर सुषमा ठाकुर, डॉक्टर संगीता गोरांग, डॉक्टर मंजु, डॉक्टर मीनू, डॉक्टर मंजु बाला व डॉक्टर ज्योति खंडूजा को उनके विशेष योगदान के लिए धन्यवाद किया गया। आज के बेहद महत्वपूर्ण आयोजन की सफलता में निफा के ज़िला सचिव हितेश गुप्ता, महिला विंग से डॉक्टर भारती भारद्वाज, डॉक्टर हर्ष सेठी, अनिता पूंज, बिन्दिया तनेजा, निफा ज़िला कार्यकारिणी से सतिंदर गांधी, प्रदीप मौन, गौरव पुनिया, हेमंत चावला, कपिल शर्मा, गुरलाल सिंह, इंद्री शाखा से नीरू देवी व पूनम आदि का विशेष योगदान रहा।

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