Yamunanagar News : आदिबद्री ऐतिहासिक धार्मिक स्थल के दर्शन हेतु विशेष टूर का आयोजन

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आदिबद्री ऐतिहासिक धार्मिक स्थल के दर्शन हेतु विशेष टूर का आयोजन
आदिबद्री ऐतिहासिक धार्मिक स्थल के दर्शन हेतु विशेष टूर का आयोजन

(Yamunanagar News) यमुनानगर। भारतीय योग संस्थान के तत्वावधान में, जॉन प्रधान संजय धीमान और पूर्व एनसीसी अधिकारी सुरेंद्र धीमान के मार्गदर्शन और नेतृत्व में एक विशेष आध्यात्मिक व ऐतिहासिक टूर का आयोजन किया गया। इस यात्रा के दौरान सभी योग साधकों ने सरस्वती उदगम स्थल और आदि बद्री मंदिर के दर्शन किए।

योग साधकों ने वट वृक्ष के नीचे सहभोज कर पारंपरिक भारतीय संस्कृति का अनुभव किया। इसके साथ ही, सभी ने म्यूजियम में जाकर ऐतिहासिक जानकारियां प्राप्त कीं और भारत की गौरवशाली विरासत को समझने का अवसर पाया। यात्रा के अगले चरण में माता मंत्रा देवी के दर्शन किए गए, जिससे सभी साधकों ने आध्यात्मिक ऊर्जा व सकारात्मकता का अनुभव किया।

योग साधकों को भारतीय इतिहास और संस्कृति से जोडऩे और उन्हें प्रकृति के निकट रहकर आध्यात्मिक अनुभूति कराने के लिए यह टूर आयोजित किया गया- संजय धीमान

भारतीय योग संस्थान नारायणगढ़ के जॉन प्रधान संजय धीमान ने बताया इस टूर का उद्देश्य न केवल योग साधकों को भारतीय इतिहास और संस्कृति से जोडऩा था, बल्कि उन्हें प्रकृति के निकट रहकर आध्यात्मिक अनुभूति भी कराना था। संस्थान आगे भी ऐसे आयोजनों के माध्यम से भारतीय संस्कृति और योग परंपरा को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। गौरतलब है कि गत दिवस रविवार को बसंत उत्सव के अवसर पर इस धार्मिक यात्रा का आयोजन किया गया था।
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव-2025 का शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी द्वारा विगत दिवस आदिबद्री ( जिला यमुनानगर) में किया गया था। यह महोत्सव 29 जनवरी से 2 फरवरी, 2025 तक चला।

सरस्वती नदी को फिर से धरातल पर लाने के लिए हरियाणा सरकार कर रही है सार्थक प्रयास-सुरेन्द्र धीमान

पूर्व एनसीसी अधिकारी सुरेन्द्र धीमान ने बताया कि सरस्वती नदी के प्रमाण मिल चुके हैं। सरस्वती नदी का वर्णन ऋग्वेद में बार-बार आया है। यह नदी आज की गंगा की तरह उस समय की विशाल नदियों में से एक थी। वैदिक संस्कृति सरस्वती नदी के किनारे पनपी थी। महाभारत में मिले वर्णन के अनुसार सरस्वती शिवालिक पहाडिय़ों से थोड़ा नीचे आदिबद्री से निकलती थी। यह नदी हरियाणा, राजस्थान तथा गुजरात में लगभग 1600 किलोमीटर तक प्रवाहित होते हुए अंत में अरब सागर में मिलती थी। लेकिन आज सरस्वती नदी विलुप्त हो गई है। सरकार सरस्वती को फिर से प्रवाहित करने के लिए सार्थक प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि सर्वे ऑफ इंडिया और हरियाणा के राजस्व रिकॉर्ड में इस नदी का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है। इसलिए सरकार ने माँ सरस्वती को फिर से धरातल पर लाने का बीड़ा उठाया है। यह परियोजना हमारी सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और पुरातात्विक विरासत को नई पीढिय़ों तक ले जाने में महत्वपूर्ण साबित होगी।
सरकार ने इसके पुनरुद्धार के लिए वर्ष 2015 में हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की स्थापना की थी। वैज्ञानिक अनुसंधान के आधार पर यह पुष्टि हुई है कि आदिबद्री एवं घग्गर नदी क्षेत्र में सरस्वती नदी की लुप्त धाराएं अभी भी मौजूद हैं। इसी अनुसंधान के आधार पर सरस्वती को धरातल पर लाने की योजना बनाई है।

केंद्र प्रमुख राजेश शर्मा ने बताया कि भारतीय योग संस्थान की योग कक्षा प्रतिदिन सुबह 5.30 बजे से 6.30 तक और शाम की योग कक्षा 4 बजे से 5 बजे तक अहलूवालिया धर्मशाला नारायणगढ़ में चलती है। इस मौके पर योग साधक मनोज वालिया, राजेश वर्मा, अजीत त्यागी, मीनाक्षी वालिया एवं अमित वालिया, रीटा गोयल, कनिका अग्रवाल, राजेश शर्मा, अंजू रानी, रोनित, तेजस वालिया सहित बहुत सारे योग साधन मौजूद रहे।

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