यमुनानगर: फोर्टिस अस्पताल मोहाली ने रीढ़ की हड्डी का सफल इलाज करके 17 वर्षीय नौजवान को नया जीवन दिया

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Fortis Hospital
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प्रभजीत सिंह (लक्की), यमुनानगर:
फोर्टिस अस्पताल मोहाली के हड्डियों व ज्वाइंटस डिपार्टमैंट के माहिर डाक्टरों ने 17 वर्षीय नौजवान की रीढ़ की टूटी हड्डी का सफल इलाज करके उसको नया जीवन दिया है तथा उसको बैड से जुड़े रहने से बचा लिया है। अस्पताल के हड्डियों व ज्वाइंटस डिपार्टमैंट के सीनियर कंस्लटेंट डा. संदीप गुप्ता ने बताया कि 17 वर्षीय नौजवान प्रियांशू को मोटर साइकिल से हुए एक सड़क हादसे के कारण रीढ़ की हड्डी (पैवलिस बॉन) टूटने के कारण अस्पताल लाया गया था। उन्होंने बताया कि हड्डी कई जगह से टूटने के कारण यह मरीज की जिंदगी के लिए खतरा बन गई थी। उन्होंने बताया कि जो दो या दो अधिक जगह से हड्डी टूट जाए तो उसको आॅनसटेबल जख्म (अस्थिर चोट) कहा जाता है।

डा. गुप्ता ने बताया कि उनकी टीम द्वारा प्रियांशू की हड्डी का आप्रेशन किया गया। उन्होंने बताया कि रीढ़ की हड्डी का आप्रेशन के मामले में बहुत ज्यादा सावधानी की जरूरत पड़ती है, क्योंकि मरीज मल संदूषण (गुदा) वाले हिस्से के निकट हड्डी टूटने के कारण तथा आप्रेशन के दौरान मल-मूत्र के कारण संक्रमण का अधिक खतरा व जोखिम बन जाता है। डा. गुप्ता ने बताया कि हड्डी के आप्रेशन के दौरान मरीज की सुरक्षित मल संदूषण के लिए अलग नाली डालकर हड्डी वाले हिस्से को संक्रमण से सुरक्षित रखा गया। उन्होंने बताया कि आप्रेशन के बाद दो दिन बाद मरीज को चलाना शुरू किया गया, ताकि वह जल्द ही सेहतमंद हो सके। इसके बाद लगातार फिजियोथैरेपी द्वारा मरीज ने रोजाना की तरह चलना, फिरना शुरू किया। डा. संदीप गुप्ता ने बताया कि उन्होंने इस सर्जरी से पहले कई माहिर डाक्टरों के साथ विचार विमर्श किया। उन्होंने बताया कि 25 दिनों के बाद मरीज बिल्कुल तंदरूस्त हो गया तथा आम नौजवानों की तरह अपनी जिंदगी जीने लगा।

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