प्रधानमंत्री ओर राष्ट्रपति रहे अनिरुद्ध जगननाथ को अर्पित की पुष्पांजलि

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Wreath paid to Aniruddha Jagannath
इशिका ठाकुर, करनालः
मरिशस गणराज्य के सबसे लम्बे समय तक प्रधानमंत्री ओर राष्ट्रपति रहे सर अनिरुद्ध जगननाथ को आज करनाल के प्रबुद्ध नागरिकों ने उनकी पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि अर्पित की ओर भारत व विशेष रूप से करनाल से उनके रिश्ते को याद किया।

सर अनिरुद्ध जगननाथ का भारत के साथ विशेष प्यार था: प्रीतपाल सिंह

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इंडिया मरिशस ट्रेड एंड कल्चरल फ़्रेंडशिप फ़ोरम व नैशनल इंटेग्रेटेड फ़ोरम आफ़ आर्टिस्ट्स एंड एक्टिविस्टस (निफ़ा) की ओर से ब्रह्मकुमारी आश्रम सेक्टर 6 में आयोजित श्रधांजलि सभा में करनाल की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किए ओर उनके द्वारा जीवन भर किए गए कार्यों को याद किया।  भारत ओर मरिशस में व्यापार व सांस्कृतिक आदान प्रदान करने में अग्रणी भूमिका निभा रहे निफ़ा के संस्थापक अध्यक्ष प्रीतपाल सिंह पन्नु ने बताया कि सर अनिरुद्ध जगननाथ का भारत के साथ विशेष प्यार था ओर जीवन भर उन्होंने दोनो मुल्कों के सम्बन्धों को प्रगाढ़ करने में अहम रोल अदा किया।

6 बार मरिशस के प्रधान मंत्री ओर दो बार राष्ट्र पति के रूप में सेवाएँ दी

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इसी लिए जहाँ उन्हें प्रवासी भारतीय अवार्ड से नवाजा गया वहीं पद्म अवार्ड श्रेणी में सर्वोच्च सम्मान पद्म विभूषण से अलंकृत किया गया जो सर अनिरुद्ध जगननाथ की मृत्यु होने के बाद उनकी धर्मपत्नी सरोजिनी जगन्नाथ को भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया गया। पन्नु ने बताया कि वो 6 बार मरिशस के प्रधान मंत्री बने ओर दो बार राष्ट्र पति के रूप में सेवाएँ दी। इस से पूर्व वो मरिशस के कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री, सांसद ओर ग्राम पालिका के पार्षद के रूप में भी चयनित हुए ओर सरकार में इतने पदों पर काम करने वाले पहले व एकमात्र राजनेता बने। करनाल में उनका पहला आगमन निफ़ा अध्यक्ष प्रीतपाल सिंह पन्नु के निमंत्रण पर 2006 में पहली बार हुआ था जब वो राष्ट्रपति के रूप में निफ़ा अध्यक्ष प्रीतपाल सिंह पन्नु के निमंत्रण पर करनाल आए ओर करनाल की सभी सामाजिक संस्थाओं ने पलक पाँवड़े बिछाकर उनका स्वागत किया। दूसरी बार वो पुन 2008 में राष्ट्रपति के रूप में करनाल ओर 2010 में रोहतक पधारे।  छठी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद 2014 की पहली भारत यात्रा के दौरान निफ़ा व इंडिया मरिशस ट्रेड एंड कल्चरल फ़्रेंड्शिप फ़ोरम की ओर से गुरुग्राम में उनके स्वागत में “एक शाम भारत मरिशस दोस्ती के नाम” कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
श्रधांजलि समारोह में माउंट आबू से विशेष रूप से पधारे ब्रह्मकुमारी के कला व संस्कृति प्रभाग के निदेशक दयाल भाई ने बताया कि सर अनिरुद्ध जगननाथ का ब्रह्मकुमारी संस्थान से भी विशेष प्यार था तथा वो संस्थान के माउंट आबू स्थिति मुख्यालय में भी पधार चुके हैं।  मरिशस में भी ब्रह्माकुमारी संस्थान का केंद्र है व सर अनिरुद्ध जगननाथ ने सदैव केंद्र के कार्यों को प्रोत्साहित किया है।  ब्रह्मकुमारी के सेक्टर 6 केंद्र की मुख्य संचालिका प्रेम बहन ने भी उन्हें श्रधांजलि दी व उनकी आत्मिक शांति के लिए सभी को ध्यान व मेडिटेशन के माध्यम से प्रार्थना करवाई। माउंट आबू से ही पधारे सतीश भाई ने एक भजन के माध्यम से दिवंगत आत्मा को याद किया जिसके बोल रहे,  “अनिरुद्ध जगननाथ जी, आपको सादर नमन  सारे भारतवर्ष का अर्पण है श्रद्धा सुमन ।”

संगीत गुरु प्रोफ़ेसर कृष्ण अरोड़ा ने भी भजन के माध्यम से उन्हें याद किया

करनाल की अनेक प्रबुद्ध हस्तियों ने इस अवसर पर जहाँ सर अनिरुद्ध जगननाथ के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनकी पुण्य तिथि पर उन्हें याद किया वहीं उनके करनाल आगमन अथवा अपनी मरिशस यात्रा के दौरान उनसे हुई मुलाक़ात के संस्मरण सुनाए।  इनमे निफ़ा के राष्ट्रीय संयोजक एडवोकेट नरेश बराना, सचिव प्रवेश गाबा, कार्यकारिणी सदस्य गुरु प्रसाद, हरदीप वालिया, संगीत गुरु व उर्वशी ललित कला अकैडमी के निदेशक डॉक्टर कृष्ण अरोड़ा, निफ़ा संरक्षक व आजीवन सदस्य डॉक्टर लाजपत राय चौधरी, रूप नारायण चाँदना, जे आर कालड़ा, डॉक्टर एस के शर्मा, पंडित मुनि राज शर्मा, दिलबाग मान, पृथ्वी सिंह, सूरिंदर दत्त शर्मा, डॉक्टर आर्जव शर्मा, अंजु शर्मा, समाज सेवी महेश शर्मा, निफ़ा के हरियाणा प्रदेश के अध्यक्ष श्रवण शर्मा, गौरव पुनिया, ज़िला सचिव हितेश गुप्ता, सलाहकार सतिंदर गांधी, शहरी प्रधान मनिंदर सिंह, इंद्री प्रधान शर्मा, कुलदीप राणा, विवेक तोमर, कार्यकर्ता मुकुल गुप्ता आदि शामिल रहे।
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